Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 10:06 AM
वारंट अधिकारी के छापे के पश्चात देहात पुलिस ने गोराया के गांव कोटली खंख्या के कनाडा से आए एन.आर.आई. मक्खन सिंह पर चलाई गई गोली के मामले में 2 सुपारी किलरों की गिरफ्तारी दिखा दी है। एस.एस.पी. जालंधर देहाती गुरप्रीत सिंह भुल्लर के अनुसार, 26 जनवरी...
गोराया/जालंधर(मुनीश, प्रीत): वारंट अधिकारी के छापे के पश्चात देहात पुलिस ने गोराया के गांव कोटली खंख्या के कनाडा से आए एन.आर.आई. मक्खन सिंह पर चलाई गई गोली के मामले में 2 सुपारी किलरों की गिरफ्तारी दिखा दी है। एस.एस.पी. जालंधर देहाती गुरप्रीत सिंह भुल्लर के अनुसार, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन सुबह मक्खन सिंह पर उसके घर के ही बाहर गोली चलाई गई थी।
आरोपियों की कार खेतों में फंस गई तो वे कार मौके पर ही छोड़ कर दूसरी गाड़ी में फरार हो गए थे। पुलिस ने मक्खन सिंह के बयानों के आधार पर थाना गोराया में मामला दर्ज करके जांच आगे बढ़ाते हुए इस मामले को हल करने का दावा किया है। भुल्लर ने बताया कि मक्खन सिंह जिसका तीसरा विवाह दिसम्बर में हुआ है, की दूसरी पत्नी जसविंद्र कौर पुत्री अमरीक सिंह कनाडा की सिटीजन है जो गोराया के गांव रूड़का कलां की है। इससे मक्खन का तलाक कनाडा में ही हो गया था। इसके पश्चात मक्खन सिंह दिसम्बर में कनाडा से अपने गांव आया और तीसरा विवाह करवा लिया। जालंधर देहात के सी.आई.ए. स्टाफ-2 के इंस्पैक्टर शिव कुमार को मिली गुप्त सूचना पर मुख्य आरोपी कुलवंत सिंह पुत्र ओंकार सिंह निवासी गांव महितपुर थाना सदर होशियारपुर व उसके साथी राजेन्द्र कुमार उर्फ राजू पुत्र अवतार सिंह निवासी राम कालोनी कैंप चंडीगढ़ रोड होशियारपुर को गिरफ्तार किया गया है। कुलवंत सिंह ने पूछताछ में बताया कि उन्हें इस काम की सुपारी मक्खन की कनाडा के शहर वैंकूवर में रहती दूसरी तलाकशुदा पत्नी जसविंद्र कौर ने कनाडा से फोन पर बातचीत करके दी थी तथा सौदा 2.50 लाख रुपए में हुआ था। कुलवंत सिंह ने बताया कि उसने अपने दोस्तों अरुण कुमार उर्फ जोगा पुत्र राज कुमार, सूरजनाथ पुत्र प्रेमनाथ निवासी बजवाड़ा जिला होशियारपुर, सत्ता व भोला निवासी नकोदर के साथ मक्खन सिंह को जान से मारने की नियत से गोली चलाई परन्तु वह उसे लगी नहीं। हमलावरों की स्कोडा कार खेतों में फंस गई। इसके पश्चात हमलावर आल्टो कार जिसे सूरजनाथ चला रहा था, में बैठकर फरार हो गए थे।
खेतों में फंसी कार की दी गई थी चोरी होने की सूचना
हमलावरों ने पहले ही सोची-समझी साजिश के तहत स्कोडा कार की चोरी होने की शिकायत सदर होशियारपुर थाने में दे रखी थी। शिकायत राजेन्द्र कुमार की तरफ से दी गई थी। इनमें से 4 आरोपी अरुण कुमार, सूरजनाथ, सत्ता व भोला चारों अभी फरार बताए जा रहे हैं।
2.50 लाख में हुआ सौदा, 1.50 लाख दिए गए थे पेशगी में
इसके अलावा हमला करवाने वाली महिला जसविन्द्र कौर ने इस हमले के लिए 1.50 लाख रुपए की राशि भेज दी थी। इसमें से कुलवंत ने 50,000 रुपए सूरजनाथ व अरुण कुमार तथा 50,000 रुपए सत्ता व भोला को दिए थे जबकि 50,000 रुपए अपने पास रख लिए थे जबकि बाकी के 1 लाख रुपए काम होने के पश्चात जसविंद्र कौर ने देने थे। पुलिस ने जसविंद्र कौर के खिलाफ धारा-120 का इजाफा कर दिया है जिसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
मुख्यारोपी कुलवंत पर दर्ज है इरादा कत्ल का केस
मुख्यारोपी कुलवंत सिंह से सुपारी की रकम में से 30,000 रुपए बरामद किए हैं जबकि 20,000 रुपए उसने खर्च कर लिए हैं। कुलवंत सिंह पर पहले भी होशियारपुर में एक इरादा कत्ल का मामला दर्ज है।
चारों आरोपियों के पास हैं 3 देसी कट्टे
पुलिस जांच में पता चला है कि वारदात में प्रयोग किए गए देसी कट्टे फरार आरोपी सत्ता, भोला, अरुण तथा सूरज नाथ के पास हैं। वारदात में 315 बोर के 3 देसी कट्टों का इस्तेमाल किया गया। एस.एस.पी. भुल्लर ने बताया कि फरार 4 आरोपी भी क्रिमिनल बैक ग्राऊंड के हैं।
स्कोडा कार 8 लोगों के पास बिकी, 3-4 लोगों ने अपने नाम ट्रांसफर ही नहीं करवाई
जिस कार में हमलावरों ने वारदात की, पुलिस ने उसके नम्बर का जिला परिवहन कार्यालय से रिकार्ड निकलवाया। पुलिस जांच करती हुई स्कोडा कार के मालिक तक पहुंची लेकिन हैरानीजनक रहा कि कार पिछले कुछ सालों में 8 लोगों के पास बिकी। पहले 3-4 मालिकों को छोड़ कर किसी ने भी कार अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं करवाई लेकिन इंस्पैक्टर शिव कुमार ने एक दिन में ही कार खरीदने वाले एक के बाद एक 7 लोगों को पूछताछ की और फिर पता चला कि कार कुलवंत सिंह ने बीते साल खरीदी थी। पुलिस ने जब कुलवंत सिंह को हिरासत में लिया तो उसने पुलिस को छकाया कि उसकी कार कुछ दिन पहले चोरी हो चुकी है। उसने पुलिस थाना में स्कोडा कार चोरी की दर्ज करवाई गई झूठी शिकायत की कापी भी दिखाई। इंस्पैक्टर शिव कुमार ने जब गहराई से पूछताछ की तो कुलवंत सिंह टूट गया।
अरुण जोगा के दोस्त के जरिए पहुंचे 1.5 लाख रुपए
पुलिस जांच में पता चला कि कुलवंत की जसविन्द्र कौर से व्हाट्स एप कॉलिंग और चैटिंग के जरिए किङ्क्षलग का कांट्रैक्ट फाइनल होने के पश्चात पेमैंट की बात हुई। पेमैंट कनाडा से भारत कैसे की जाएगी, इस बात को लेकर डील पहले फाइनल नहीं हुई लेकिन बाद में अरुण कुमार जोगा ने कुलवंत से कहा कि वह अपने किसी दोस्त के माध्यम से 1.5 लाख रुपए कनाडा से मंगवा लेता है। कुछ दिनों मे उक्त राशि भारत पहुंच भी गई। पुलिस का कहना है कि अरुण जोगा के गिरफ्त में आने पर पता चलेगा कि रुपए किसके माध्यम से कांट्रैक्ट किलर तक पहुंचे।