अगले साल के ऐसे बजट पर क्या चर्चा करेंगे 80 पार्षद?

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Mar, 2018 09:22 AM

municipal corporation jalandhar

नगर निगम प्रशासन हर साल मार्च महीने में अगले वित्तीय वर्ष का बजट तैयार करता है। वर्ष 2018-19 हेतु भी निगम प्रशासन ने बजट तैयार कर लिया है। यह बजट देखने में तो 587 करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि वाला दिखाई देता है परंतु यदि इस बजट की गहराई में जाएं तो...

जालंधर(खुराना): नगर निगम प्रशासन हर साल मार्च महीने में अगले वित्तीय वर्ष का बजट तैयार करता है। वर्ष 2018-19 हेतु भी निगम प्रशासन ने बजट तैयार कर लिया है। यह बजट देखने में तो 587 करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि वाला दिखाई देता है परंतु यदि इस बजट की गहराई में जाएं तो सिर्फ एक लाइन में ही इसका निचोड़ निकाला जा सकता है। वह यह है कि अगले साल 2018-19 में निगम कर्मियों को लक्ष्य दिया गया है कि वह खुद 125 करोड़ रुपए की वसूली करके लाएं, बदले में उन्हें 203 करोड़ रुपए तनख्वाह दी जाएगी। ऐसा लक्ष्य देखकर आम आदमी के मन में बरबस ही ख्याल उठेगा कि ऐसी कार्पोरेशन को तो बंद ही कर दिया जाए तो अ‘छा है। परंतु परम्परा के अनुसार शहरियों द्वारा चुने गए 80 पार्षद 20 मार्च को होने जा रही पार्षद हाऊस की बैठक में ऐसे बजट पर चर्चा करेंगे। गौरतलब है कि हाऊस की इस बैठक में बजट के अलावा और कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया है। 

कितना वेतन लेती हैं निगम की ब्रांचें
-जनरल शाखा : 10.50 करोड़ 
-हाऊस टैक्स शाखा : 3.00 करोड़
-बिल्डिंग शाखा : 5.00 करोड़ 
-तहबाजारी व विज्ञापन शाखा : 2.25 करोड़ 
-हैल्थ व वर्कशाप शाखा : 83.00 करोड़ 
-डिस्पैंसरियां, हैल्थ सैंटर : 3.25 करोड़ 
-बी. एंड आर. शाखा : 11.00 करोड़
-स्ट्रीट लाइट शाखा : 2.00 करोड़
-हाॢटकल्चर शाखा : 5.50 करोड़ 
-फायर ब्रिगेड : 4.55 करोड़
-पुलिस फोर्स : 2.80 करोड़ 
-मैडीकल अलाऊंस : 1.35 करोड़ 
-पार्षदों का वेतन : 1.90 करोड़
-वाटर सप्लाई शाखा : 33.00 करोड़ 
-पैंशनर कंट्रीब्यूशन : 33.60 करोड़ 
-कुल : 203.00 करोड़ 

निगम कर्मियों को वसूली का लक्ष्य..
-प्रापर्टी टैक्स : 32.00 करोड़ 
-बिल्डिंग एप्लीकेशन फीस : 4.40 करोड़ 
-चेंज ऑफ लैंड यूज : 18.00 करोड़
-बिल्डिंग कम्पोजीशन फीस : 5.50 करोड़ 
-फीस : 3.50 करोड़
-चार्ज : 5.50 करोड़ 
-लाइसैंस फीस : 1.00 करोड़ 
-रैंट व लीज फीस : 1.35 करोड़ 
-तहबाजारी फीस : 2.00 करोड़ 
-एडवरटाइजमैंट टैक्स : 10.00 करोड़ 
-हैल्थ फीस : 2.00 करोड़
-वाटर सप्लाई सीवर चार्जिस : 35.00 करोड़ 
-वाटर सप्लाई के बकाया : 5.00 करोड़ 
-कुल वसूली लक्ष्य : 125.00 करोड़ 

जी.एस.टी. शेयर पर निर्भर हैं निगम 
हैरानीजनक तथ्य है कि निगम कर्मचारी एक साल में 203 करोड़ रुपए का वेतन लेते हैं और खुद सिर्फ 125 करोड़ रुपए टैक्सों व फीसों के रूप में इकट्ठे करते हैं। ऐसे में नगर निगम मुख्यत: पंजाब सरकार की ओर से मिलने वाले जी.एस.टी. शेयर पर निर्भर है। वर्ष 2018-19 में निगम को  जी.एस.टी. शेयर के रूप में 205 करोड़ रुपए मिलने की आशा है। इसे 10 करोड़ रुपए बिजली पर लगी चुंगी के एवज में मिलेंगे। 13.50 करोड़ एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और 15 करोड़ रुपए अपनी सम्पत्तियां बेच कर आएंगे। 


एक नजर में निगम का बजट 
-कुल खर्चे : 585.6& करोड़ 
-वेतनों पर खर्च : 203.00 करोड़ 
-अचानक खर्चे : 24.38 करोड़ 
-विकास व अन्य खर्चे : 358.25 करोड़ 
-कुल आय : 587.1& करोड़
-जी.एस.टी. शेयर : 205.00 करोड़ 
-बिजली से टैक्स : 10.00 करोड़ 
-एडीशनल एक्साइज : 7.00 करोड़  
-निगम की उगाही : 125.00 करोड़
-ग्रांटें व ऋण : 133.00 करोड़
-सम्पत्ति बेच कर : 15.00 करोड़ 

ग्रांटों और बैंक ऋण पर भी निर्भर है निगम 
अपने आपको चलाने के लिए जालंधर निगम सरकार की ग्रांटों और बैंक ऋण पर भी निर्भर है। वर्ष 2018-19 के बजट में निगम ने स्वच्छ भारत, अमरूत व पी.आई.डी.बी. ग्रांटों से 1&& करोड़ रुपए की आस लगाई है जबकि कैनाल वाटर प्रोजैक्ट हेतु एशियन डिवैल्पमैंट बैंक से इसे 50 करोड़ रुपए कर्जा मिलने की सम्भावना व्यक्त की गई है।  

 

 

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