Edited By Updated: 30 Jun, 2016 03:28 PM
घर की महिलाएं घर की लक्ष्मी होती हैं उन्हीं के द्वारा किए गए सद्कर्मों से घर में लक्ष्मी का वास होता है।
जालंधरः घर की महिलाएं घर की लक्ष्मी होती हैं उन्हीं के द्वारा किए गए सद्कर्मों से घर में लक्ष्मी का वास होता है। घर में सबसे बड़ा दर्जा मां को दिया जाता है इसलिए तो घर में छोटे से छोटे काम से लेकर बड़े काम तक सारी जिम्मेदारी मां की होती है। सुबह से लेकर शाम तक घर का सारा काम करने के बावजूद वह सुकून के पल नहीं बिता सकती जिसके जिम्मेदार है घर के सारे लोग जो किसी चीज की जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते।
ये है मां की जिम्मदारी
1.सबसे पहले उठना,अौर देखना कि बच्चों ने स्कूल/कालेज/कार्यलय जाना है । उसकी तैयारी करना। कपड़े प्रैस करने से लेकर उनके नाशते यहां तक कि टिफिन तक पैक करने की जिम्मेदारी मां की ही होती है।
2.अगर मां कामकाजी है तो अॉफिस जानें से पहले वे ये सारे काम करके जाती हैं। अगर घरेलु है तो बच्चों तथा पति के अाने से पहले घर के सारे काम निपटाती है अौर उनके लिए दोपहर का भोजन तैयार करती है।
3.मां को ही अकसर ये चिंता सताती है कि अलार्म लगाना है ताकि उसके बच्चे तथा पति जाने के लिए लेट न हो। चाहे वे रात को 2 बजे सोने जाए फिर भी सबसे पहले उठने की जिम्मेदारी मां की ही होती है।
4.माना कि उसे गृहिणी का दर्जा दिया गया है लेकिन राशन से लेकर सब्जी तक घर में कुछ है या नहीं उसी को देखना पड़ता है।
5.बेटियों के लिए मां को ही चिंता रहती है। मासिक अवधि समस्या के लिए मां ही चिंतित रहती है ।
6. अपने हाथ से डायनिंग टेबल पर रखी प्लेटों को पोंछ कर सजा कर रखना ताकि बच्चे व पति ने अाकर खाना खाना है। इतने में पति का फोन अाना अौर लेट अाने के लिए कहना मायूसी देता है इसके बावजूद मायूसी की जगह चेहरे पर बच्चों के लिए मुस्कुराहट बनाए रखना सिर्फ मां ही कर सकती है।