Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 11:53 AM
सऊदी अरब में लापता हुई गांव रूड़का खुर्द की 34 वर्षीय जीवन ज्योति पत्नी सुदर्शन कुमार मंगलवार अपने गांव पहुंच गई। इससे उसके पारिवारिक सदस्यों व गांववासियों में खुशी का माहौल बन गया। जीवन ज्योति से मिलने वालों का उसके घर तांता लग गया। बातचीत के दौरान...
गोराया (मुनीश): सऊदी अरब में लापता हुई गांव रूड़का खुर्द की 34 वर्षीय जीवन ज्योति पत्नी सुदर्शन कुमार मंगलवार अपने गांव पहुंच गई। इससे उसके पारिवारिक सदस्यों व गांववासियों में खुशी का माहौल बन गया। जीवन ज्योति से मिलने वालों का उसके घर तांता लग गया। बातचीत के दौरान उसने बताया कि वह 11 जून, 2017 को गांव के एक एजैंट के जरिए सऊदी अरब के जेद्दा शहर में गई थी। 12 जून को वहां उसे सीधा अस्पताल में ले जाया गया जहां एक महिला के बच्चे को संभालने की ड्यूटी उसे दी गई।
वह 6 दिन अस्पताल में रही जहां उसे रोजाना सुबह 5 बजे सोने दिया जाता व सुबह 9 बजे दोबारा काम पर लगा दिया जाता था। करीब 2 महीने उसके मालिकों ने उसके साथ व्यवहार ठीक रखा व समय पर सैलरी दी लेकिन उसके बाद उसे मानसिक तौर पर परेशान करना शुरू कर दिया गया व अपने घर के साथ-साथ अपने रिश्तेदारों के घरों का काम भी उससे करवाना शुरू कर दिया।
करंट लगा तो उसे दवाई भी नहीं दिलाई
जीवन ज्योति ने बताया कि उसे काम करते समय करंट लग गया व उसे चोट लग गई थी। बार-बार कहने के बावजूद न तो उसे अस्पताल ले जाया गया, न ही उसे दवाई दिलवाई गई व न ही 3 महीनों की सैलरी उसे दी गई। उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया।
5 दिन रही जेल में, फिर छोड़ा इंडियन एम्बैसी
किसी तरह वह सड़क किनारे पहुंची तो सऊदी अरब की पुलिस उसे ले गई। 7 से 11 दिसम्बर तक उसे कसीम जेल में रखा गया व 11 दिसम्बर को सऊदी अरब की पुलिस उसे इंडियन एम्बैसी में छोड़ आई।
10 दिन बाद एमरजैंसी पासपोर्ट जारी हुआ और 31 की रात भेज दिया भारत
इंडियन एम्बैसी ने 20 दिसम्बर को उसे 3 महीनों के लिए एमरजैंसी पासपोर्ट जारी किया व 31 दिसम्बर को भारतीय एम्बैसी ने उसे व उसके साथ एक चेन्नई एवं एक मुम्बई की लड़की को भारत भेजा।
साथ आई महिलाएं भी दे गईं धोखा
दिल्ली एयरपोर्ट पर करीब 6 घंटे की जांच के पश्चात वह रात्रि 11 बजे एयरपोर्ट से अपने साथ सऊदी अरब से आई 2 अन्य महिलाओं के साथ रेलवे स्टेशन पर गई लेकिन वहां भी उसकी समस्या खत्म नहीं हुई। उसके साथ आई महिलाओं ने भी उसे धोखा दिया व उसे स्टेशन पर ही छोड़कर वे अपनी ट्रेन में बैठकर चली गईं।
इंडियन एम्बैसी में ले जाने का कहकर ले गए शेख के घर और बाद में छोड़ दिया जंगल में
5 दिसम्बर को उसे इंडियन एम्बैसी में ले जाने का कह कर दिल्ली की एजैंट की सहेली, जो सऊदी अरब में ही रहती है, किसी और शेख के घर ले गई जहां उसे 2 दिन रखा गया व उसे काफी परेशान किया गया। इसकी वीडियो उसने अपने परिजनों को भी भेजी थी। इसके बाद उसका मोबाइल फोन उन्होंने अपने पास रख लिया व एम्बैसी में छोडऩे जाने के बहाने उसे जंगल में छोड़ दिया गया।
सदमे में हो गई बेहोश तो एक महिला छोड़ गई गुरुद्वारा शीशगंज
जीवन ज्योति ने बताया कि वह काफी सदमे में थी व बेहोश होकर स्टेशन पर गिर गई। उसे वहां एक महिला ने दिल्ली के गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में छोड़ दिया व 1 जनवरी को पूरा दिन वह वहीं रोती रही तथा लोगों से मदद की गुहार लगाती रही। उसके पास न तो पैसे थे व न ही उसे अपने पारिवारिक सदस्यों का फोन नंबर याद था।
लुधियाना व जालंधर के श्रद्धालुओं ने की मदद और पहुंची फगवाड़ा
पीड़िता ने बताया कि 2 जनवरी को वह गुरुद्वारा साहिब में बैठी रो रही थी तो वहां पंजाब के लुधियाना व जालंधर के श्रद्धालु मिले जिनमें एक महिला ने उससे पूछा तो उसने अपनी परेशानी उसे बताई। उक्त महिला, जो लुधियाना की थी, ने उसकी मदद की और अपने साथ मंगलवार को ट्रेन में लाई। वह महिला लुधियाना में उतर गई जबकि उसके रिश्तेदार जो जालंधर के रहने वाले थे, ने उसे फगवाड़ा छोड़ दिया।
मुझे नहीं मालूम था कि पत्नी वापस आ गई है: सुदर्शन
मंगलवार को फगवाड़ा पहुंची जीवन ज्योति के पति सुदर्शन कुमार ने बताया कि उन्हें दोपहर को एक फोन आया कि वह फगवाड़ा में जल्दी आ जाएं। वह फगवाड़ा बस स्टैंड पर पहुंच गया तो उक्त व्यक्ति के कहे अनुसार फगवाड़ा के विशाल मैगा मार्ट के सामने जब वह पहुंचा तो उसकी पत्नी हाथ में एक लिफाफा पकड़े आ रही थी। उसे देख कर वह हैरान रह गया। उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसकी पत्नी उसके सामने है। सुदर्शन कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी गहरे सदमे में थी जिसे उस समय कुछ भी पता नहीं चल रहा था। उसने कहा कि वह उन परिवारों का दिल से धन्यवाद करता है जिन्होंने उसकी पत्नी की मदद की है। साथ ही उसने पंजाब केसरी का विशेष धन्यवाद करते हुए कहा कि मीडिया के जरिए ही उसकी आवाज सरकार तक पहुंची थी व उसकी पत्नी आज उसके पास वापस आई है।
साबुन की टिकिया में डालकर दिया जाता है दुबई से सऊदी अरब का वीजा
जीवन ज्योति ने बताया कि उसके पास दुबई तक का वीजा था। दुबई से आगे सऊदी अरब का वीजा उसे वहीं जाकर मिला था जो साबुन की टिकिया में दिया जाता है। उसने बताया कि 2 वर्ष का एग्रीमैंट उसका किया गया था लेकिन वह अपनी परेशानियों के कारण 4 महीनों से वापस अपने घर आने के लिए एजैंट से गुहार लगा रही थी।