Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 10:04 AM
पंजाब के 3 बड़े शहरों जालंधर, अमृतसर और पटियाला में नगर निगम के चुनाव सम्पन्न हुए 15 दिन से ’यादा का समय बीत चुका है परंतु अभी तक कांग्रेस पार्टी ने मेयरों के नाम फाइनल नहीं किए हैं। अब पंजाब सरकार ने एक नोटीफिकेशन जारी किया है, जिसके जारी होने के...
जालंधर (खुराना): पंजाब के 3 बड़े शहरों जालंधर, अमृतसर और पटियाला में नगर निगम के चुनाव सम्पन्न हुए 15 दिन से ’यादा का समय बीत चुका है परंतु अभी तक कांग्रेस पार्टी ने मेयरों के नाम फाइनल नहीं किए हैं। अब पंजाब सरकार ने एक नोटीफिकेशन जारी किया है, जिसके जारी होने के 30 दिनों के भीतर मेयरों का चुनाव करवाना आवश्यक हो गया है। जालंधर नगर निगम हेतु यह नोटीफिकेशन 26 दिसम्बर को जारी किया गया जिसकी 30 दिन की अवधि 24 जनवरी को समाप्त होगी और उससे पहले शहर के मेयर के नाम की जहां घोषणा हो जाएगी वहीं इनका शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित होगा। सरकार ने यह नोटीफिकेशन नगर निगमों के प्रशासकों को भेज दिया है जिन्होंने इसे डिवीजनल कमिश्नर के पास रैफर कर दिया है। मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर तथा डिप्टी मेयर का चुनाव डिवीजनल कमिश्नर द्वारा बुलाई गई बैठक में होता है।
खत्म हो रहा था नए जीते पार्षदों का चाव
इस बार नगर निगम चुनाव काफी कशमकश वाले माहौल में हुए क्योंकि चुनाव प्रचार को मात्र 10 दिन भी नसीब नहीं हुए। ’यादातर उम्मीदवारों ने इन चुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी जिस कारण यह चुनाव काफी दिलचस्प भी रहे। नए हाऊस में ’यादातर नए पार्षदों ने जीत प्राप्त की। वहीं यह पहली बार होगा कि पार्षद हाऊस में 44 महिलाएं एक साथ बैठेंगी। चुनाव का रिजल्ट घोषित हुए 15 दिन से ’यादा का समय बीत चुका है परंतु अभी तक किसी स्तर पर नए जीते पार्षदों को ’यादा महत्व नहीं मिला जिस कारण ’यादातर विजेता पार्षदों में उत्साह गायब होता दिख रहा था परंतु अब शपथ ग्रहण समारोह बारे नोटीफिकेशन होते ही शहर की राजनीति गर्माने की संभावना है।
लिफाफे से निकलेगा मेयर का नाम
कांग्रेस पार्टी की परम्परा रही है कि नए मेयर का नाम बंद लिफाफे में से निकलता है और इस लिफाफे को नए पार्षद हाऊस की पहली बैठक से थोड़ा समय पहले विधायकों की मौजूदगी में खोला जाता है। इस बार भी जालंधर के कांग्रेसी मेयर का नाम लिफाफे में से निकलेगा क्योंकि नए जीते पार्षद इस मामले में सभी अधिकार मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह को सौंप चुके हैं। माना जा रहा है कि नया मेयर पार्षदों तथा विधायकों की मर्जी का न होकर मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह की मर्जी से तय होगा। फिलहाल शहर में नए मेयर के नाम को लेकर उत्सुकता का माहौल है। विभिन्न दावेदार अपने-अपने पक्ष में जोर-शोर से लाङ्क्षबग कर रहे हैं।