Edited By Updated: 05 Apr, 2016 10:11 AM
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को बने मात्र सवा वर्ष का ही समय हुआ है परन्तु अधिकारियों का ‘आप’ सरकार...
जालंधर(धवन): दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को बने मात्र सवा वर्ष का ही समय हुआ है परन्तु अधिकारियों का ‘आप’ सरकार से बहुत तेजी से मोह भंग होता दिखाई दे रहा है। अफसरों ने केजरीवाल सरकार से किनारा करते हुए केन्द्र में डैपुटे्रशन में जाने की गुहार लगानी शुरू कर दी है। प्रिंसीपल सैक्रेटरी चेतन सांघी के बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव अमरनाथ जोकि 1 फरवरी से छुट्टी पर चल रहे थे, ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास आवेदन देकर अपनी इच्छा से केन्द्र में डैपुटेशन में जाने की मंजूरी मांगी है।
1994 बैच के अरुणाचल, गोवा, मिजोरम व केन्द्र शासित कैडर के अधिकारी अमरनाथ ने दिल्ली सरकार में 1 अप्रैल से काम शुरू करना था, परन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किया। सूत्रों ने बताया कि अमरनाथ ने मार्च के पहले सप्ताह में आवेदन देकर दिल्ली सरकार से उन्हें रिलीव करने के लिए कहा था। अब यह आवेदन केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास लंबित पड़ा हुआ है।
अमरनाथ ने पहले तो अपनी छुट्टी की मियाद बढ़ाने के लिए आवेदन किया था, जिसे दिल्ली सरकार ने स्वीकार नहीं किया। बाद में उन्होंने एक नया आवेदन देते हुए केनद्र में जाने की इच्छा जाहिर की। इसे ‘आप’ सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अमरनाथ ने यद्यपि 2 महीनों की छुट्टी के लिए व्यक्तिगत कारण बताए थे, परन्तु सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन से वह खुश नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह निर्देश दे दिए थे कि फाइलें अधिकारियों को बाईपास करके सीधे उनके पास भेजी जाएं।
यह पहली बार हुआ है जब स्वास्थ्य मंत्री ने अपने हस्ताक्षरित निर्देशों से अधिकारियों को सीधे काम उन्हें भेजने के लिए कहा है। रोजाना की बढ़ती दखलअंदाजी से स्वास्थ्य सचिव काफी नाराज चले आ रहे थे। जब मंत्री ने निम्र अधिकारियों से फाइलें सीधे उन्हें भेजने के निर्देश दिए तो सचिव अमरनाथ लम्बी छुट्टी पर चले गए।
इसी तरह से 1988 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी चेतन सांघी जोकि शहरी विकास मंत्रालय में प्रधान सचिव थे, ने भी आवेदन देकर केन्द्र में डैपुटेशन पर जाने की इच्छा जाहिर की। वह दिल्ली व जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डी.डी.सी.ए.) में हुए घोटाले की जांच कर रही पैनल के सदस्य भी थे।
केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महॢष को भेजे पत्र में सांघी ने कहा कि उन्हें भारी दबाव में काम करना पड़ रहा है। उन्हें कहा जा रहा है कि वह किसी व्यक्तिगत लोगों का नाम अपनी जांच रिपोर्ट में ले। इसी तरह से राज्य सिविल सेवा के अधिकारी कुलदीप सिंह गंगर ने भी दिल्ली सरकार पर शोषण करने के आरोप लगाए हैं। कुलदीप सिंह ने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखा था। दिल्ली में इस समय 60 आई.ए.एस. तथा 300 अन्य अधिकारी काम कर रहे हैं। बताया जाता है कि अधिकारी अनावश्यक सियासी दखल के कारण परेशान हैं। वे दबाव में काम नहीं करना चाहते। इसीलिए दिल्ली सरकार को एक के बाद अधिकारी अलविदा कहकर जा रहे हैं।