Edited By Updated: 25 May, 2016 02:13 PM
दिलबागनगर एक्सटैंशन में रहते मनदीप सिंह शहर के ऐसे चौथे क्रिकेटर हैं, जिनका इंडियन क्रिकेट टीम में सिलेक्शन हो गया। वह 11 जून से शुरू होने वाले जिम्मबाब्वे टूर में भारतीय टीम के सदस्य होंगे।
जालंधरः दिलबागनगर एक्सटैंशन में रहते मनदीप सिंह शहर के ऐसे चौथे क्रिकेटर हैं, जिनका इंडियन क्रिकेट टीम में सिलेक्शन हो गया। वह 11 जून से शुरू होने वाले जिम्मबाब्वे टूर में भारतीय टीम के सदस्य होंगे।
मनदीप के वनडे फार्मेट में चुने जाने से उसके परिवार में खुशी का माहौल बन गया। दोस्तों ने ढोल बजाकर भंगड़ा डाला तो रिश्तेदारों ने फोन पर बधाइयां दीं। अभी मनदीप सिंह आई.पी.एल. में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की तरफ से खेल रहे हैं। दो भाइयों में वह छोटे हैं। उन्हें क्रिकेट जगत में सेंचुरी सिंह के नाम से जाना जाता है। ये नाम उन्हें पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने दिया है।
मनदीप ने 5 साल की उम्र से बड़े भाई वेटनरी डॉक्टर हरविंदर सिंह के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया था। हरविंदर भी अपने जमाने में टॉप के पेसर थे लेकिन स्कूल रिजल्ट खराब हुआ तो पिता पूर्व डी.एस.ओ. एथलेटिक्स कोच हरदेव सिंह ने क्रिकेट छुड़वा दी। वह तो ये भी चाहते थे कि मनदीप क्रिकेट छोड़ दे लेकिन भाई हरविंदर ने मनदीप का क्रिकेट जारी रखा। बर्ल्टन पार्क क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलवाया।
उनके स्कूल गेम्स के कोच गौरव आहूजा बताते हैं हर टूर्नामेंट में वह राइजिंग प्लेयर की ट्राॅफी जीतता था। अंडर-15 में एमए चिदंबरम ट्राॅफी में बेहतर प्रदर्शन पर उसे पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन ने 25 हजार तो बी.सी.सी.आई. ने 50 हजार रुपए दिए थे। मनदीप को जब ईनाम मिलने लगे तो पिता का मन भी बदल गया। इसके बाद घर की छत पर प्रैक्टिस के लिए सिस्टम बना दिया।
अंडर-19 वर्ल्ड कप में मनदीप वाइस कैप्टन था। इंडिया टीम में न्यूजीलैंड दौरे के दौरान 194 रन ठोंककर वह सबकी नजरों में आया था। बाद में आईपीएल में वह पंजाब किंग्स इलेवन और कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेला। आईपीएल-5 का वह राइजिंग स्टार अवॉर्ड हासिल कर चुका है। अब वह आरसीबी की तरफ से खेल रहा है।