महीना भर शिफ्टों में ड्यूटी बजाते रहे अधिकारी और पुलिस,न अवैध माइनिंग रुकी न गुंडा टैक्स

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Mar, 2018 01:01 PM

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मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा वीरवार को प्रदेश के 14 जिलों के डिप्टी कमिश्नरों व पुलिस प्रमुखों को अवैध माइनिंग रोकने के लिए कड़ा रुख अपनाने के आदेश दिए गए। आसमान से देखने से पहले ही सरकार जमीनी हकीकत से वाकिफ थी और सख्ती करने के आदेश करीब...

जालंधर (अमित): मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा वीरवार को प्रदेश के 14 जिलों के डिप्टी कमिश्नरों व पुलिस प्रमुखों को अवैध माइनिंग रोकने के लिए कड़ा रुख अपनाने के आदेश दिए गए। आसमान से देखने से पहले ही सरकार जमीनी हकीकत से वाकिफ थी और सख्ती करने के आदेश करीब एक महीना पहले ही प्रदेश सरकार ने जारी कर दिए थे। आदेश मिलने के बाद टीमें बनाई गईं, पहरे भी लगे, मगर अवैध माइनिंग का काम बदस्तूर जारी रहा।

एक महीना पहले ही मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद जिला प्रशासन की तरफ से अवैध माइनिंग रोकने के लिए 3 टीमें गठित की गई थीं जिसके इंचार्ज संंबंधित एस.डी.एम.-तहसीलदार को नियुक्त किया गया था। ए.डी.सी. कम नोडल अफसर जसबीर सिंह ने सी.एम. और डी.सी. से प्राप्त निर्देशानुसार 9 फरवरी, 2018 को एक आदेश जारी करते हुए फिल्लौर, नकोदर और शाहकोट में 3 टीमें गठित करते हुए निर्देश जारी किए थे कि रेत की गैर-कानूनी निकासी संबंधी लगातार चैकिंग करके रिपोर्ट उनके पास भेजी जानी सुनिश्चित हो।

1 मार्च को एस.एस.पी. (देहाती) को जारी हुए निर्देश 
डी.सी. वरिंदर कुमार शर्मा ने एस.एस.पी. (देहाती) को 1 मार्च को एक पत्र लिखकर पंजाब माइनर मिनरल नियम 2013 के नियम 74 और 75 के अधीन बजरी-रेता की चैकिंग के लिए तुरंत पक्के नाकों और बैरियरों की स्थापना करने के निर्देश जारी किए हैं। पत्र में चीफ सैक्रेटरी पंजाब की तरफ से जारी एक अद्र्ध-सरकारी पत्र नं जीएलजी-जी3-डीओ-2018-436बी का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया गया है कि पुलिस, आबकारी व कर विभाग, माल और माइनिंग विभाग द्वारा इंटर-डिपार्टमैंटल टीमों का गठन करने के साथ-साथ चैक-पोस्ट व बैरियर स्थापित किए जाएं जिन पर 24 घंटे आबकारी व कर विभाग या पुलिस की निगरानी में काम हो। इतना ही नहीं सभी चैक-पोस्टों और बैरियरों पर 8-8 घंटों की शिफ्ट में कर्मचारी तैनात करके उनकी सूची भी डी.सी. के पास भेजी जाए।

जिले में इन जगहों पर है लीगल माइनिंग
जिले में कुल 9 जगह पर लीगल माइनिंग हो रही है, जबकि 2 जगह पर संंबंधित खड्डों के मालिक सरैंडर कर चुके हैं। फिल्लौर के गग ढगारा, छाऊला और मिलकियाणा में लीगल माइङ्क्षनग हो रही है। इसी तरह से शाहकोट के बम्मूवाल, पिपली और रामे में, जबकि नकोदर के कायमवाला, खैरूलापुर में लीगल माइनिंग की जा रही है। फिल्लौर के संगोवाल में खड्ड मालिक सरैंडर कर चुके हैं।

शिकायत मिलने पर कार्रवाई
प्रशासन द्वारा जिले में होने वाली अवैध माइनिंग को लेकर किसी प्रकार की कोई लिस्ट तैयार नहीं की जाती है। जैसे ही किसी जगह से अवैध माइनिंग को लेकर कोई शिकायत प्राप्त होती है या फिर गठित की गई टीमों को अवैध माइनिंग का पता लगता है तो उसी समय मौके पर ही बनती कार्रवाई की जाती है जिसमें जमीन मालिक पर पर्चा दर्ज करवाना, माइनिंग की असैस्मैंट करके सरकार को हुए रैवेन्यू लॉस की रिकवरी करना, मौके पर मिली मशीनरी आदि को जब्त करना शामिल होता है।

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