Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Dec, 2017 08:25 AM
कपूरथला मॉडर्न जेल में गोराया के रहने वाले 25 वर्षीय युवक की हालत बिगडऩे के कारण उसे जालंधर के सिविल अस्पताल में बीते दिनों रैफर किया गया। डाक्टरों ने उपचार के बाद उसे कैदी वार्ड में दाखिल करवाया, लेकिन कुछ घंटों के बाद ही उसकी मौत हो गई। मामले की...
जालंधर (शौरी): कपूरथला मॉडर्न जेल में गोराया के रहने वाले 25 वर्षीय युवक की हालत बिगडऩे के कारण उसे जालंधर के सिविल अस्पताल में बीते दिनों रैफर किया गया। डाक्टरों ने उपचार के बाद उसे कैदी वार्ड में दाखिल करवाया, लेकिन कुछ घंटों के बाद ही उसकी मौत हो गई। मामले की सूचना पाकर थाना-4 की पुलिस ने माननीय जज की हाजिरी के दौरान उसका शव पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया।
पुलिस के रिकार्ड के मुताबिक साहिल (काल्पनिक नाम) नशे का आदी था और नशे की पूॢत के लिए चोरियां करता था। उसके खिलाफ थाना मैहतपुर में 14-2-2017 को चोरी का केस दर्ज हुआ था। इस मामले में अदालत ने 18-12-2017 को साहिल को 6 माह की सजा सुनाई थी। इसके बाद उसे एड्स व टी.बी. की बीमारी हो गई थी।
पिता ने कहा-जेल में बिकता है नशा
पोस्टमार्टम रूम के बाहर मृतक के पिता ने बताया कि उनका बेटा नशे का आदी था और वह उसे कई बार रोकते भी थे, परंतु उसके बेटे को किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं थी। पुलिस ने केस में उसे नामजद कर कपूरथला जेल भेज दिया। जेल में उसके बेटे को नशा मिलता रहा। उन्हें कहीं से पता चला कि टीके लगाने के दौरान दूसरे कैदी की सूई प्रयोग करने से उसके बेटे को एड्स हो गई और बाद में उसे टी.बी. की बीमारी भी हो गई।
जेल में नशे के टीके तो दूर बीड़ी तक नहीं मिलती : जेल सुपरिंटैडैंट
इस मामले में कपूरथला माडर्न जेल में तैनात जेल सुपरिंटैडैंट एस.पी. खन्ना का कहना है कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही जेल का चार्ज संभाला है, इससे पहले वह लुधियाना जेल में तैनात थे। कैदी की मौत की सूचना उन्हें मिल चुकी है, कैदी की मौत एड्स के कारण हुई और उसे यह बीमारी कैसे लगी वह रिकार्ड चैक कर रहे हैं। नशे के मामले में खन्ना ने कहा कि जब से उन्होंने कपूरथला जेल का चार्ज संभाला है, तब से नशा तो दूर कैदियों को बीड़ी तक नहीं मिल रही।
समय-समय पर वह कैदियों व हवालातियों की तलाशी लेने के साथ-साथ उनकी बैरक को भी चैक करते हैं, यदि किसी से मोबाइल या कोई मादक वस्तु मिलेगी तो उस हवालाती या फिर कैदी के खिलाफ केस दर्ज होगा और जांच की जाएगी कि उसे डिलीवरी किसने दी।