Edited By Updated: 17 Sep, 2016 10:28 AM
कुछ साल पहले जालंधर नगर निगम ने शहर को पशु मुक्त घोषित करके हजारों की संख्या में गौधन को जमशेर डेयरी काम्पलैक्स में भेज दिया था
जालंधर(खुराना): कुछ साल पहले जालंधर नगर निगम ने शहर को पशु मुक्त घोषित करके हजारों की संख्या में गौधन को जमशेर डेयरी काम्पलैक्स में भेज दिया था जहां पर इस समय गऊओं व अन्य पशुओं की संख्या 17 हजार के करीब है। नगर निगम ने इन पशुओं के गोबर से बिजली और बायोगैस बनाने हेतु प्राइवेट कम्पनी से करार किया है जिसके तहत कम्पनी को 2.5 एकड़ भूमि अगले 20 साल के लिए जमशेर डेयरी काम्पलैक्स में लीज पर दे दी गई है। कम्पनी ने 3 साल में प्रोजैक्ट बनाना और चालू करना है।
गौरतलब है कि इस बाबत प्रस्ताव नगर निगम ने कई साल पहले तैयार किया था जो कई कारणों से लटकता रहा। कुछ माह पहले पेडा ने स्टेट न्यू एंड रिन्यूएवल सोर्स ऑफ एनर्जी योजना के तहत बायोगैस प्लांट लगाने हेतु टैंडर लगाए। इस दौरान जालंधर की फिरोज रैमेडीज लि. को बायोगैस प्लांट लगाने हेतु कांट्रैक्ट मिला। करार के अनुसार नगर निगम ने कम्पनी को 2.5 एकड़ जगह अलाट करनी थी परंतु जमशेर काम्पलैक्स में बायोगैस प्लांट हेतु जो प्लाट छोड़ा गया था वह छोटा था जिस कारण कम्पनी ने बड़े प्लाट की मांग की। इस मामले में बनी कमेटी ने मिल्क कलैक्शन सैंटर वाली जगह पर बायोगैस प्लांट स्थापित करने को मंजूरी दी और चारा मंडी वाली जगह को भी इसमें शामिल कर लिया गया।
पता चला है कि जगह को लेकर जमशेर काम्पलैक्स में डेयरी प्लाट मालिकों ने कुछ विरोध भी किया। मामला निपटने के बाद कम्पनी को भूमि लीज पर दे दी गई और कम्पनी जल्द ही अपनी डी.पी.आर. संबंधित विभागों को सौंपने जा रही है। इस मामले में लैटर आफ अवार्ड तथा लैंड लीज एग्रिमैंट तैयार कर लिए गए हैं। निगम को बायोगैस प्लांट से होगी आय: नगर निगम पहली बार अपने स्तर पर बी.ओ.ओ. आधार पर बायोगैस प्लांट लगवाने जा रहा है जिससे उसे हर साल अच्छी आय कम्पनी से प्राप्त होगी और प्लांट से जो बायोगैस तैयार होगी उसका भी कुछ शेयर निगम को मिलेगा।