Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 09:36 AM
एक तरफ तो हाईकोर्ट के आदेशों के चलते ओवरलोड टिप्परों के खिलाफ कमिश्ररेट पुलिस ने सख्ती कर रखी है लेकिन इन दिनों ट्रैफिक पुलिस के जवान ऐसे ओवरलोड टिप्परों के खिलाफ जैसे ही सख्ती कर इनके चालान काटते व इन्हें जब्त करते हैं तो उनके खिलाफ साजिश शुरू हो...
जालंधर(शौरी): एक तरफ तो हाईकोर्ट के आदेशों के चलते ओवरलोड टिप्परों के खिलाफ कमिश्ररेट पुलिस ने सख्ती कर रखी है लेकिन इन दिनों ट्रैफिक पुलिस के जवान ऐसे ओवरलोड टिप्परों के खिलाफ जैसे ही सख्ती कर इनके चालान काटते व इन्हें जब्त करते हैं तो उनके खिलाफ साजिश शुरू हो जाती है और उन्हें फंसाने के लिए पूरा जोर लगता है। ओवरलोड टिप्परों का धंधा करने वाले कुछ पुलिस अधिकारी भी अपनी बल्ले-बल्ले करवा रहे हैं।ऐसा ही एक मामला पी.ए.पी. चौक के पास घटित हुआ जिसके बाद से ट्रैफिक पुलिस के जवान परेशान हैं।
जानकारी के मुताबिक पी.ए.पी. चौक के पास 2 कैंटर चालकों से कथित तौर पर 500 रुपए रिश्वत लेने के मामले में नया मोड़ सामने आ रहा है। सूत्रों से पता चला है कि उक्त पुलिस जवानों में शामिल कुछ कर्मियों ने कुछ समय पहले रेत भरा ओवरलोड टिप्पर रोककर उसका चालान काटा था जिसके चालक ने अपने मोबाइल से चालान काटने वाले की बात पी.ए.पी. परिसर में तैनात एक इंस्पैक्टर से करवाई थी। इंस्पैक्टर का कहना था कि उक्त टिप्पर उसके हैं और इन्हें जाने दिया जाए लेकिन पुलिस कर्मचारियों ने चालान काटकर टिप्पर जब्त कर लिया।इस बात की रंजिश उक्त इंस्पैक्टर रखने लगा और निर्धारित योजना के तहत कैंटर चालक से कमिश्रर को फोन करवाकर 4 पुलिस कर्मचारियों व होमगार्ड के जवान को संस्पैड करवा दिया। अब सोचने वाली बात है कि दूसरे जिले के नंबर लगे कैंटर चालक के पास पुलिस कमिश्रर का नंबर कहां से आया?
इंस्पैक्टर माइनिंग करवाने में भी आगे
सूत्रों की मानें तो सुबह 4 बजे से लेकर 7 बजे व दोपहर से लेकर रात तक उक्त इंस्पैक्टर के ओवरलोड टिप्पर रामा मंडी चौक से गुजरने के बाद पी.ए.पी. चौक से होते हुए लम्बा पिंड चौक के पास जाते हैं। अपनी क्षमता से कहीं अधिक रेत बजरी टिप्परों में भरी जाती है। इस बात का इन टिप्पर चालकों को कोई खौफ नहीं होता है कि इस कारण कोई हादसा भी हो सकता है।सूत्रों की मानी जाए तो पी.ए.पी. परिसर में तैनात एक इंस्पैक्टर इन दिनों माइनिंग का काम जोरों से कर रहा है। अवैध माइनिंग व ओवरलोड टिप्परों के मामले में सीनियर पुलिस अधिकारी गंभीरता से कार्य कर छोटे रैंक के पुलिस जवानों को एक्शन लेने को कहते हैं लेकिन जब पुलिस कर्मचारी इस इंस्पैक्टर के टिप्परों को रोकते हैं तो इंस्पैक्टर आग बबूला होकर अपने आका जोकि कमांडैंट हैं की मदद लेकर ट्रैफिक पुलिस जवानों को नुक्सान पहुंचाने का काम करता है।
इंस्पैक्टर के हैं एक कमांडैंट से अच्छे संबंध
उक्त इंस्पैक्टर के बारे में यदि सीनियर पुलिस अधिकारी जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो वह ट्रैफिक थाने में से पता कर सकते हैं। थाने में पहले रह चुके मुंशी से लेकर मौजूदा मुंशी इंस्पैक्टर का नाम से लेकर नंबर तक मोबाइल में सेव कर बैठा है। जैसे ही नाकों पर पुलिस कर्मचारी इंस्पैक्टर के ओवरलोड टिप्परों को रोकते हैं तो इंस्पैक्टर झट से मुंशी को फोन कर रौब तक झाड़ता है। पता चला है कि पी.ए.पी. में तैनात एक कमांडैंट से उक्त इंस्पैक्टर के अच्छे संबंध हैं और उसकी कृपा से इंस्पैक्टर टिप्परों व माइङ्क्षनग का काम कर रहा है।