Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Mar, 2018 12:20 PM
वैसे तो पंजाब सरकार अवैध माइनिंग पर रोक लगाने के साथ-साथ वैज्ञानिक (साइंटीफिक) तौर पर करवाने के दावे कर रही है। वहीं प्रधान महालेखाकार कार्यालय की ओर से 2017 के हुए ऑडिट रिपोर्ट के पैरा नं. 6 में जो लिखा है उसने राज्य सरकार की पोल खोल कर रख दी है।...
सुजानपुर(ज्योति): वैसे तो पंजाब सरकार अवैध माइनिंग पर रोक लगाने के साथ-साथ वैज्ञानिक (साइंटीफिक) तौर पर करवाने के दावे कर रही है। वहीं प्रधान महालेखाकार कार्यालय की ओर से 2017 के हुए ऑडिट रिपोर्ट के पैरा नं. 6 में जो लिखा है उसने राज्य सरकार की पोल खोल कर रख दी है। इस ऑडिट रिपोर्ट में लिखा है कि सरकार द्वारा बिना वैज्ञानिक (साइंटीफिक) तरीके से राज्य में माइनिंग करवाई जा रही है, जिसका उदाहरण राज्य के 22 जिलों में होने वाली माइङ्क्षनग हेतु मात्र 4 जिलों में माइनिंग अधिकारी तैनात होने और प्रधान महालेखाकार कार्यालय से 28 जुलाई 2017 को पंजाब सरकार के इंडस्ट्री ऑफ कामर्स विभाग के सचिव को पत्र निकाल पूछे जाने से मिलती है।
ऑडिट रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आखिर क्वालीफाइड अधिकारियों के बिना राज्य में माइनिंग कैसे हो रही है। इसके अलावा पंजाब में पंजाब सर्विस कमिशन के अनुसार माइनिंग की देख-रेख क्वालीफाइड माइनिंग अधिकारी (एम.एससी. ज्योलोजी) या फिर (माइनिंग इंजीनियर की डिग्री प्राप्त इंजीनियर) ही कर सकता है, क्योंकि एम.ओ.ई.एफ. (मीनिस्ट्री ऑफ इन्वायरनमैंट एवं फोरैस्ट) की गाइडलाइन के अनुसार खड्डों को वातावरण प्रदूषण को लेकर एन.ओ.सी. क्वालीफाइड माइनिंग अधिकारी द्वारा ही दी जानी होती है व केन्द्र माइनिंग एक्ट के तहत क्वालीफाइड माइनिंग अधिकारी ही माइनिंग प्लान तैयार कर उनकी मॉनीटरिंग (देखरेख) कर सकता है और खड्डों में खनन हेतु एन.ओ.सी. दे सकता है। एकत्रित की गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2002 के करीब राज्य के सभी (22) जिलों के माइनिंग अधिकारी अपने पद से मुक्त हो गए थे।
फिर वर्ष 2014-15 में पंजाब सर्विस कमिशन के माध्यम से मात्र 5 माइनिंग अधिकारियों को पठानकोट, लुधियाना, मोहाली, चंडीगढ़, होशियारपुर में तैनात किया गया, जबकि 2002 से लेकर 2014-15 तक शेष अन्य जिलों में बिना माइनिंग अधिकारियों के द्वारा ही माइनिंग पालिसी बनती रही और उनकी देख-रेख भी नॉन क्वालीफाइड अधिकारी माइनिंग कार्य करते रहे और आज भी राज्य के 18 जिलों में नॉन-क्वालीफाइड अधिकारियों के अधीन माइनिंग कार्य चल रहा है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार माइनिंग को लेकर कहां तक गंभीर है।