Edited By Updated: 11 Jul, 2016 01:43 PM
जाको राखे साईंया मार नहीं सके न कोय वाली ....
जालंधरःजाको राखे साईंया मार नहीं सके न कोय वाली कहावत उस समय सच हो गई,जब एक कलयुगी मां द्वारा खाली प्लाट में लिफाफे में फैंकी गई बच्ची ने मौत को मात दे दी। जानकारी के अनुसार बस्ती बावा खेल में खाली प्लॉट में 23 जून की रात 8 बजे लिफाफे में डालकर मरने को छोड़ दी गई बच्ची 19 दिन बाद पूरी तरह स्वस्थ है। उसे ‘साध्या’ नाम भी मिल गया है। भले ही उसे जन्म देने वाली मां ने नहीं अपनाया हो, लेकिन उसे अपनाने के लिए गोद लेने वाले कतारों में खड़े हैं।
जब बेदर्द मां उसे लिफाफे में फैंक आई थी, तब भी इलाज के दौरान सिविल अस्पताल में बच्ची मुस्कुरा रही थी। उसकी मुस्कान उसकी मां को अहसास दिला रही थी- देख मां मैं तो जिंदा हूं। यूनीक होम में पल रही साध्या बेहद खूबसूरत लग रही थी। उसने मुस्करा कर फोटो खिंचवाई। तब भी ऐसा लगा जैसे कह रही हो- मां अब तो आ जा। यूनीक होम की प्रकाश कौर ने बताया कि बच्ची को जब फैंका गया था तो चींटियों ने उसके शरीर को काट लिया था। जिसकी वजह से उसे इंफेक्शन हो गई थी। उसका कुछ दिन दोआबा अस्पताल में इलाज चला। अब वह बिल्कुल ठीक है।