अपने शहर में शरणार्थी बन गया होमगार्ड का जिला स्तरीय दफ्तर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 10:43 AM

home guards district level office

प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने कुछ समय पहले एक आदेश जारी किया था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि प्रदेश के सारे ऐसे सरकारी दफ्तर जो किसी भी प्राइवेट बिल्डिंग में चल रहे हैं, को जल्द से जल्द किसी सरकारी बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाए। इसी कड़ी में...

जालंधर(अमित): प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने कुछ समय पहले एक आदेश जारी किया था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि प्रदेश के सारे ऐसे सरकारी दफ्तर जो किसी भी प्राइवेट बिल्डिंग में चल रहे हैं, को जल्द से जल्द किसी सरकारी बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाए। इसी कड़ी में जसवंत नगर स्थित पंजाब होमगार्ड के जिला स्तरीय दफ्तर का सारा सामान डी.ए.सी. में बने सिविल डिफैंस दफ्तर के बाहर लाकर रखा गया है क्योंकि जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें किसी सरकारी बिल्डिंग में जगह प्रदान नहीं करवाई गई है। पिछले 2-3 दिनों से होमगार्ड दफ्तर के सामान की शिङ्क्षफ्टग चल रही है जो बुधवार को खत्म हो जाएगी। बिना दफ्तर के होमगार्ड का जिला स्तरीय दफ्तर अपने शहर में ही शरणार्थी बनकर रह गया है।


ऑफिस-ऑफिस खेल रहे प्रशासनिक अधिकारी
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार होमगार्ड दफ्तर द्वारा लगभग 7 महीने पहले जगह दिलाने संबंधी आवेदन दिया गया था, मगर आज तक उन्हें जिले में कहीं भी जगह नहीं मिल पाई है। मगर प्रशासनिक अधिकारी केवल ऑफिस-ऑफिस खेलने में लगे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो 7 महीने के दौरान होमगार्ड के आला अधिकारी कम-से-कम 20 बार डी.सी. दफ्तर के चक्कर काट चुके हैं। मगर आज तक उनके आवेदन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी है जिस वजह से मजबूरी में उन्हें अपने दफ्तर का सारा सामान आनन-फानन में डी.ए.सी. के अंदर रखना पड़ा है।

होमगार्ड के 2 और दफ्तर जल्दी होंगे खाली, जगह को लेकर असमंजस की स्थिति
फिलहाल होमगार्ड का गढ़ा रोड स्थित दफ्तर खाली हुआ है। आने वाले कुछ ही समय में ग्रीन मॉडल टाऊन स्थित डी.आई.जी. दफ्तर और बैंक एन्क्लेव स्थित ट्रेङ्क्षनग सैंटर को भी खाली करना पड़ेगा। मगर इन दोनों दफ्तरों को किस सरकारी बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा, तो इसको लेकर फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति में नहीं हो पाएगा कोई काम
प्राइवेट बिल्डिंग जहां पहले होमगार्ड का दफ्तर था, उसके मालिक ने अपने ताले लगा दिए हैं, जिस वजह से यहां काम करने वाले लगभग 15 अधिकारी व कर्मचारी जिसमें जिला कमांडैंट, इंस्पैक्टर, सब-इंस्पैक्टर, जूनियर सहायक, सीनियर सहायक, दर्जा-4 और गार्द शामिल हैं, एक तरह से सड़क पर आ चुके हैं क्योंकि उनके पास अपना काम करने और बैठने के लिए कोई जगह उपलब्ध ही नहीं है। डी.ए.सी. में सारा सामान रखने की वजह से होमगार्ड दफ्तर का सारा काम लगभग पूर्ण रूप से ठप्प हो चुका है। पिछले 2-& दिन से दफ्तर की रूटीन डाक साइन नहीं हो पाई है, रूटीन के अन्य सारे कामकाज पैंडिंग पड़ चुके हैं। दफ्तर में किसी प्रकार की कोई डीलिंग नहीं हो रही है क्योंकि अधिकारियों व कर्मचारियों के पास कोई दफ्तर ही नहीं है। अगर लॉ एंड ऑर्डर की कोई स्थिति आती है तो दफ्तर न होने की वजह से ये सारे कर्मचारी कोई भी काम नहीं कर सकते हैं।

पुलिस के बाद होमगार्ड को दिया जा रहा दूसरा दर्जा
अपने साथ हो रहे इस तरह के बर्ताव की वजह से बड़ी गिनती में होमगार्ड जवानों का मानना है कि पुलिस विभाग को बेहद अहमियत दी जाती है। मगर उन्हें दूसरा दर्ज दिया जाता है, क्योंकि वह उनकी तरह रसूखदार विभाग की कैटागरी में नहीं आते हैं। 

विभागों की आपसी खींचतान में पिस रहा होमगार्ड दफ्तर
जिन विभागों के पास जगह खाली पड़ी हुई है, उसके अधिकारियों द्वारा होमगार्ड को दफ्तर शिफ्ट करने की इजाजत प्रदान नहीं की जा रही है। विभागों की आपसी खींचतान के कारण होमगार्ड दफ्तर पिछले लंबे समय से पिस रहा है। 


जगह दिलाने संबंधी फाइल डी.सी. दफ्तर में विचाराधीन है : जिला कमांडैंट
जिला कमांडैंट एस.पी. जसकरण सिंह का कहना है कि सरकारी जगह दिलाने संबंधी डी.सी. के पास विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि एस.डी.एम.-2 ने उन्हें लैदर इंस्टी‘यूट में जगह प्रदान करने संबंधी फाइल क्लीयर कर दी है। इस बात की प्रबल संभावना है, कि इस हफ्ते में उन्हें कहीं न कहीं जगह जरूर मिल जाएगी। 

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