Edited By Updated: 22 Oct, 2016 03:41 PM
लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करवाने के लिए पंजाब क्रिकेट संघ (पी.सी.ए.) के खिलाफ पंजाब के पूर्व रणजी खिलाड़ियों ने संघर्ष का ऐलान किया है।
चंडीगढ़ः लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करवाने के लिए पंजाब क्रिकेट संघ (पी.सी.ए.) के खिलाफ पंजाब के पूर्व रणजी खिलाड़ियों ने संघर्ष का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बी.सी.सी.आई. को दिए समय सीमा में यदि पंजाब क्रिकेट संघ ने लोढ़ा समिति के सुधारों को लागू न किया तो वह अपना अलग संघ बनाकर विरोध जताएंगे।
यह पहली बार है जब जब किसी भी राज्य के पूर्व क्रिकेटरों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य संघ के खिलाफ विद्रोह किया है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। पंजाब के 25 पूर्व क्रिकेटर पंजाब क्रिकेट संघ के कार्यों से अंसतुष्ट हैं। इसमें 1992-93 में टीम के कोच बिशन सिंह बेदी, पूर्व सलामी बल्लेबाज रवनीत रिक्की, गेंदबाज अमित उनियाल, स्पिनर भारती विज,बल्लेबाज सपन चोपड़ा, मध्यक्रम के बल्लेबाज और कप्तान गुरशरण सिंह आदि शामिल हैं।
इस संबंधी पर्व क्रिकेटर राकेश हांडा का कहना है कि पी.सी.ए. में सिर्फ एक पूर्व क्रिकेटर भूपिंद्र सिंह है। उन्होंने कहा कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि क्रिकेट संघ के कार्यकाज को चलाने के लिए इसमें पूर्व क्रिकेटरों को शामिल किया जाए, लेकिन पी.सी.ए. हमेशा इसकी अनदेखी करता रहा है।
भूपिंद्र सिंह को भी सिर्फ जनता को दिखाने के लिए हाल ही में पी.सी.ए. में शामिल किया गया था। उनका उद्देश्य सिर्फ पी.सी.ए. में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को बिना शर्त लागू करवाना और कार्यकारी समिति में पूर्व क्रिकेटरों को शामिल करवाना है। वरना वह पी.सी.ए.के खिलाफ अलग संघ बनाकर सुप्रीम कोर्ट तथा बी.सी.सी.आई. से उसकी मान्यता के लिए अपील करेंगे।
दूसरी ओर, पी.सी.ए. सचिव जी.एस. वालिया ने कहा कि संघ की कार्यप्रणाली ठीक ढंग से चल रही है। उन्होंने विरोधी गुट को संघ के खिलाफ गलत अफवाहें फैालाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पी.सी.ए. के पास उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने का अधिकार सुरक्षित है।उन्होंने पंजाब में क्रिकेट के लिए जो कुछ किया है। उसके बारे में लोगों को पता है।