Edited By Updated: 25 Aug, 2016 02:09 AM
पावर निगम ने बिजली चोरी रोकने से लेकर अपने सिस्टम में सुधार के लिए हैदराबाद पैटर्न को कापी किया है लेकिन
जालंधर(पुनीत): पावर निगम ने बिजली चोरी रोकने से लेकर अपने सिस्टम में सुधार के लिए हैदराबाद पैटर्न को कापी किया है लेकिन नए कनैक्शन जारी करने को लेकर विभाग हैदराबाद पैटर्न को लागू नहीं कर पाया है। इसके चलते मौजूदा समय में भी नए कनैक्शन लेना आसान बात नहीं है।
पावर निगम ने उपभोक्ताओं की सहूलतों के लिए जो सुविधा सैंटर बनाए हैं वहां भी पब्लिक को सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं क्योंकि घर के नजदीक सुविधा सैंटर होने के बावजूद उपभोक्ताओं को 10-12 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। जानकारी के मुताबिक बस अड्ड के आसपास के आधे इलाके को चिल्ड्रन पार्क जबकि आधे को मकसूदां वाले सुविधा सैंटर जाना पड़ता है। पावर निगम एक तरफ मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए व ऑनलाइन मीटर कनैक्शन अप्लाई करवाने के दावे कर रहा है लेकिन अपने ही सुविधा सैंटरों को विभाग आपस में जोड़ नहीं पाया है जिसके चलते उपभोक्ताओं को इधर-उधर भटकने को मजबूर होना पड़ता है। उपभोक्ता पहले कनैक्शन अप्लाई करता है जिसके बाद संबंधित सब डिवीजन में फाइल जाती है और इसमें कई-कई दिन का समय लग जाता है। नए कनैक्शन लगने के बाद उपभोक्ताओं को कई-कई माह तक बिल नहीं मिल पाता क्योंकि ‘सैप’ (साफ्टवेयर एप्लीकेशन प्रोग्राम) में उनकी एंट्री नहीं हो पाती।
वहीं इसके विपरीत हैदराबाद पैटर्न में सुविधा सैंटर में फाइल अप्लाई होने के बाद वहीं मौजूद जे.ई. व उसके स्टाफ को मीटर जारी कर दिया जाता है और कम समय में उपभोक्ता के घर मीटर लग जाता है। सुविधा सैंटर में बैठने वाला जे.ई. जिस दिन मीटर लगाता है उसी दिन उसकी एंट्री सैप में कर दी जाती है और उपभोक्ताओं को बिल मिलने में कोई दिक्कत पेश नहीं आती। पंजाब में पावर निगम खंबों से लेकर उपभोक्ता के मीटर तक खुद तार डालता है जबकि हैदराबाद में उपभोक्ता खुद तार खरीद कर उसकी फिटिंग करवाता है। पंजाब में नए कनैक्शन के समय कई काली भेड़ें उपभोक्ता से रिश्वत के रूप में पैसे लेती हैं जबकि सिस्टम को ठीक करके इस पर लगाम लगाई जा सकती है। सी.एम.डी. के.डी. चौधरी के प्रयासों से पावर निगम का सिस्टम सुधरा है लेकिन अभी भी इसमें कई खामियां हैं जिसे सुधारा जा सकता है ताकि नया कनैक्शन लेने में कम समय लगे व लोगों को रिश्वत न देनी पड़े, इसी तरह से सभी सुविधा सैंटरों को आपस में जोड़कर उपभोक्ता को परेशान होने से बचाया जा सकता है।