Edited By Updated: 26 Oct, 2016 09:50 AM
चीफ इलैक्टोरल आफिसर पंजाब के दफ्तर से पूरे प्रदेश के डिवीजनल कमिश्नरों और डिप्टी कमिश्नरों को एक पत्र जारी किया गया है,
जालंधर (अमित): चीफ इलैक्टोरल आफिसर पंजाब के दफ्तर से पूरे प्रदेश के डिवीजनल कमिश्नरों और डिप्टी कमिश्नरों को एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव-2017 के संबंध में आवश्यक हिदायतों का जिक्र किया गया है।
पत्र के साथ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर 7 सितम्बर, 2016 को जारी एक पत्र की कापी भी भेजी गई है, जिसमें सारी हिदायतें विस्तारपूर्वक लिखी गई हैं। यह पत्र पिछले 1-2 दिनों से पूरे पंजाब में अधिकारियों के बीच काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। लगभग हर अधिकारी अपने फोन से इस पत्र की कापी अन्य अधिकारियों को व्हाटसएप कर रहा है।
अधिकारियों के अरमानों पर फिरा पानी
इस पत्र में कुछ ऐसा लिखा हुआ है, जिससे एक भूचाल-सा आया प्रतीत हो रहा है और काफी अधिकारियों के चेहरे इस पत्र को पढ़कर मुरझा से गए हैं, क्योंकि चुनावों से पहले अपने-अपने होम टाऊन में तैनात अधिकारियों ने अपनी सैटिंग और जुगाड़ से नजदीक के स्टेशनों पर अपनी तैनाती करवा ली है या फिर करवाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। मगर इस पत्र में दी गई हिदायतों ने ऐसे अधिकारियों के सारे अरमानों पर पानी फेर कर रख दिया है।
क्या हैं निर्वाचन आयोग की हिदायतें, जिन्होंने उड़ाए अधिकारियों के होश : इस पत्र में पैरा नंबर 3 के अंदर सब-पैरा (बी) में दी गई हिदायतों के अंदर एक बेहद चौंकाने वाली बात लिखी है, जिसे पढ़कर पूरे प्रदेश के अधिकारियों के होश उड़ गए हैं।
उक्त पैरा में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि संबंधित विभाग इस बात का विशेष ध्यान रखे कि जिन अधिकारियों की ट्रांसफर की जानी है वे अपने होम-टाऊन में पोस्ट न किए जाएं।
इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी डी.ई.ओ., आर.ओ., ए.आर.ओ., पुलिस इंस्पैक्टर, सब-इंस्पैक्टर आदि की पोसिं्टग न की जाए और न ही अपनी सीट पर बने रहने दिया जाए, जो अधिकारी पिछले विधानसभा चुनावों या उप-चुनावों के दौरान उस जिले में तैनात थे।
कौन-कौन से अधिकारी आएंगे इन हिदायतों के दायरे में
इन हिदायतों के दायरे में विशेष तौर पर चुनावी ड्यूटी के साथ संबंधित अधिकारी जैसे कि डी.ई.ओ., डिप्टी डी.ई.ओ., आर.ओ, ए.आर.ओ., ई.आर.ओ. ए.ई.आर.ओ., जिन्हें बतौर नोडल अफसर नियुक्त किया जाता है, केवल वे अधिकारी ही नहीं आते हैं, बल्कि अन्य अधिकारी जैसे कि ए.डी.एम., एस.डी.एम., डिप्टी कलैक्टर, ज्वाइंट कलैक्टर, तहसीलदार, बी.डी.ओ. एवं अन्य सारे बराबर रैंक वाले अधिकारी, जिनकी नियुक्ति सीधा चुनावी कामकाज के लिए की जाती है,
वे भी आते हैं।
पुलिस विभाग में किन पर लागू होती हैं हिदायतें
इसी प्रकार से पुलिस विभाग के अंदर ये हिदायतें रेंज आई.जी., डी.आई.जी., कमांडैंट आफ स्टेट आम्र्ड पुलिस, एस.एस.पी., एस.पी., एडीशनल एस.पी., सब-डिवीजनल हैड आफ पुलिस, एस.एच.ओ., इंस्पैक्टर, सब-इंस्पैक्टर, आर.आई., सार्जैंट मेजर या अन्य बराबर रैंक वाले अधिकारी, जो चुनावों के दौरान जिलों में सुरक्षा प्रबंधों के लिए जिम्मेदार हैं, उनपर भी लागू होती हैं।
हाल ही में किए गए तबादलों की करनी पड़ सकती है समीक्षा
हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा कई विभागों के अंदर बड़े फेरबदल करते हुए बड़ी गिनती में अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। मगर पत्र में दी गई हिदायतों का अगर यथावत पालन किया जाता है तो सरकार को किए गए तबादलों की एक बार दोबारा से समीक्षा करनी पड़ सकती है, क्योंकि बहुत से अधिकारियों को उनके होम टाऊन से बदलकर अन्य जिलों में अवश्य लगाया गया है, मगर वे पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान उन्हीं जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे में निर्वाचन आयोग की हिदायतों की पालना सुनिश्चित करने के लिए उक्त अधिकारियों का किसी अन्य जगह पर तबादला किया जाना अनिवार्य होगा।
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