Edited By Updated: 12 Jul, 2016 03:46 PM
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से प्रभावित लोगों के जीवन में अक्सर वित्तीय संकट आ ही जाता है और ऐसे लोगों की सहायता करने
जालन्धर (दर्शन): कहते हैं कि अगर मन में कुछ करने की इच्छा हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। कुछ ऐसे ही मुश्किलों को दूर कर कुछ बनने का सपना देख रहे है कानपूर की प्रिंसी सेठ।
प्रिंसी ने बताया कि उनके मंगेतर ने शादी से10 दिन पहले उन्हें इसलिए धक्का दिया, क्योंकि वह शादी के लिए दहेज का इंतजाम नहीं कर सकी और उनका आधा शरीर अपंग हो गया, लेकिन उन्होंने अपना साहस नहीं छोड़ा और आगे उच्च शिक्षा लेने का फैसला लिया ताकि वह अपने माता-पिता पर निर्भर न हो सके और एल.पी.यू. में एम.एससी. (न्यूट्रीशन एवं डॉयटिक्स) में एडमिशन लेकर अपना करियर बना सके।
दरअसल, स्पाइनल कॉर्ड इंजरी से प्रभावित लोगों के जीवन में अक्सर वित्तीय संकट आ ही जाता है और ऐसे लोगों की सहायता करने के मद्देनजर लवली प्रोफैशनल यूनिवर्सिटी ने फ्री एजुकेशन की पॉलिसी निर्धारित की है। सत्र 2016-17 से एल.पी.यू. ने रीढ़ की हड्डी से पीड़ित विद्यार्थियों को 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप प्रदान करने के लिए आगे कदम बढ़ाए हैं। पहले चरण में ऐसे 7 विद्यार्थियों ने एल.पी.यू. में दाखिला लिया है और दूसरे चरण में आज 10 विद्यार्थियों ने एडमिशन लिया।
एक विशेष अवसर पर इन सभी को कैंपस में आमंत्रित किया गया और मुख्यातिथि जालन्धर डिवीजन की ए.सी.पी. दीपिका सिंह तथा एल.पी.यू. के सीनियर डीन लवीराज गुप्ता ने स्कॉलरशिप प्रदान की। इस अवसर पर एस.सी.आई.ए. के प्रधान परविंद्र सोनू एवं उपप्रधान दविंदर सिंह भी मौजूद थे। रीढ़ की हड्डी से पीड़ित विद्यार्थियों को न केवल पूरी फीस से राहत मिलेगी अपितु उन्हें होस्टल में डॉमिट्री आवास भी फ्री मिलेगा। इसके अतिरिक्त पीड़ित व्यक्तियों के सहभागी व बच्चे भी एल.पी.यू. में पढ़ाई के लिए 50 प्रतिशत स्कॉलरशिप प्राप्त कर सकते हैं।
इसी तरह सुल्तानपुर, उत्तरप्रदेश से आए इमरान कुरैशी, जिन्होंने अक्षय कुमार के साथ हॉलीडे फिल्म में भी काम किया है मल्टीपल स्कलीरोसिस से ग्रस्त हैं, ने 2007 में अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी लेकिन दो साल की रिकवरी के बाद अब उनके शरीर का निचला भाग इस बीमारी से ग्रस्त हो गया है। बहादुरी दिखाते हुए उन्होंने आज एल.पी.यू. में डिप्लोमा इन फिल्म मेकिंग में एडमिशन लिया है ताकि भविष्य में वह भी विद्यार्थियों को फिल्म प्रॉजैक्ट बनाने की ट्रेनिंग दें।