Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 01:26 PM
भारतीय रेल की एक और अजीब दास्तां सामने आई है। एक तरफ देशवासियों को बुलेट ट्रेन के सपने दिखाए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ आम आदमी को आसानी से सफर भी नहीं मिल रहा है। आम आदमी के लिए चलने वाली अमृतसर-जालंधर-नई दिल्ली सुपर (14682,14681-12459-12460) अप-डाऊन...
जालंधर(राज शर्मा): भारतीय रेल की एक और अजीब दास्तां सामने आई है। एक तरफ देशवासियों को बुलेट ट्रेन के सपने दिखाए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ आम आदमी को आसानी से सफर भी नहीं मिल रहा है। आम आदमी के लिए चलने वाली अमृतसर-जालंधर-नई दिल्ली सुपर (14682,14681-12459-12460) अप-डाऊन दोनों गाडिय़ां पिछले 50 दिन से रद्द कर दी गई हैं।
रेलवे के फिरोजपुर मंडल ने रेल लाइनों की रिपेयर के काम को अंजाम देने के लिए और गहरी धुंध का कारण बताकर 5 जनवरी से 12 जनवरी तक 14682 जालंधर-नई दिल्ली और 12460 अमृतसर-नई दिल्ली (14681) को 12 जनवरी से 22 जनवरी तक रद्द किया था जिसे आगे बढ़ाकर 22 जनवरी से 30 जनवरी तक फिर इन्हीं आदेशों को पुन: आगे बढ़ा दिया गया था। अब दोबारा आदेश जारी कर &1 जनवरी से 17 मार्च तक इन्हें रद्द कर दिया गया है। ज्ञात रहे कि सिर्फ इसी ट्रेन को इतने लंबे समय से रद्द किया गया है जबकि सभी गाडिय़ां अपने टाइम टेबल के हिसाब से रेल पटरी पर दौड़ रही हैं। क्या कारण है कि आम आदमी पर भारी बोझ डालकर उसे 150 रुपए की बजाय 260 रुपए वाले किराए की लंबी दूरी की गाडिय़ों में सफर करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो 135 रुपए की जनरल टिकट लेकर ट्रेन में आन ड्यूटी चल रहे टी.टी.ई. से रेलवे के चाॢजस देकर भी सीट ली जा सकती है परंतु जालंधर से नई दिल्ली तक जाने के लिए थ्री टायर में सीट ही नहीं मिलती। कारण कि लंबी दूरी की ट्रेनें होने के कारण 120 दिन पहले ही ट्रेन वेटिंग लिस्ट दिखाने लगती है तो आम आदमी के पास और कोई विकल्प नहीं रह जाता। आम आदमी ट्रेन की बजाय बस के जरिए ही दिल्ली से आ-जा रहा है। जनरल डिब्बों में इतनी भीड़ होती है कि फैमिली के साथ बच्चों को लेकर 8 घंटे का सफर तय नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर ट्रांसपोर्ट कंपनियों और फिरोजपुर मंडल के बीच कोई सांठगांठ लग रही है क्योंकि इन दोनों अप और डाऊन यात्री ट्रेनों में 1500 से ’यादा की संख्या में रोजाना यात्री नई दिल्ली से अमृतसर-जालंधर-लुधियाना के बीच सफर करते हैं। मगर मंडल अधिकारियों के सिर पर जूं तक नहीं सरकती जिससे एक तरफ तो दिल्ली जाने वाले यात्रियों को खासी परेशानी हो रही है वहीं दूसरी तरफ ट्रांसपोर्टरों को इतनी बड़ी संख्या में सवारियां मिलने से उनकी चांदी हो रही है।