Edited By Updated: 06 May, 2016 11:25 AM
बेटा-बहू मारपीट करते हैं,खाना भी नहीं देते,बूढ़े मां-बाप का सवाल,क्या इसलिए पैदा किया था
जालंधरः बच्चे पैदा करना उनके करियर को सैट करना क्या मां-बाप की यही गलती है ये प्रशन है हर उस मां-बाप का जो बेटे की शादी कर दुनियां की हर खुशी की उम्मीद करते हैं लेकिन सुख उनसे मुख मोड़ चुका है ये वे नहीं जानते। पूरा जीवन बच्चों की खुशी के लिए तिल-तिल मरने वाले परिजनों को अगर एेसी बहू मिल जाए जो हर दिन उन्हें टॉर्चर करती हो तो वे उमर से पहले ही मरना पसंद करेंगे।
हर रोज जिला प्रशासन के पास ऐसे मामले आ रहे हैं जिनमें बहू द्वारा सीनियर सिटीजन को प्रताड़ित करने की शिकायतें आ रही हैं। शिकायतों में- बहू द्वारा छेड़खानी के आरोप में सास-ससुर पर पर्चा करवाने की धमकी देना, घर लौटते वक्त कई घंटों तक दरवाजा न खोलना, पोते-पोतियों से मिलने न देना आदि शामिल हैं। हालांकि सरकार ने ऐसे मामलों संबंधी वैलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 का गठन किया था जिसमें तीन साल कैद का प्रावधान है, लेकिन इसे सख्ती से लागू न किए जाने के कारण रोजाना सीनियर सिटीजन परेशान हो रहे हैं।
ग्रीन माॅडल टाउन में रहते पंजाब एंड सिंध बैंक के रिटायर्ड अफसर 64 वर्षीय हरविंदर सिंह (काल्पनिक नाम) और पत्नी सुखजीत कौर (काल्पनिक नाम) ने एसडीएम डाॅ. रजत ओबराय से जांच करवाए जाने का मांग की है। बेटे और बहू की प्रताड़ना से दुखी बुजुर्ग दंपति ने कहा- उन्होंने बेटे और बहू को घर से बेदखल किया है लेकिन वह अब भी पहली मंजिल पर कब्जा जमाए बैठे हैं। घर में जाने पर वह गाली गलौज और मारपीट करते हैं। पोते-पोती से मिलने नहीं देते। बहू मेंटली टॉर्चर कर रही है। चाहती है- हम घर छोड़कर चले जाए। कभी वह मेरी पत्नी के चरित्र पर सवाल उठाती है तो कभी कपड़े फाड़कर पर्चा दर्ज करवाने की धमकी देती है। हम डरे हुए हैं, इसलिए घर भी नहीं जा पा रहे। सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत मामले की जांच हो।
पंजाबी बाग के बुजुर्ग दंपति का कहना है कि बेटा-बहू मारपीट करते हैं। खाना भी नहीं देते। आलम यह है कि यदि कहीं वह बाहर घूमने जाते है तो बहू घर का दरवाजा बंद कर लेती है। कई-कई घंटे तक वह बाहर ही खड़े रहते हैं। आॅफिस से आए बेटे को भड़काया जाता है। उन्हें घर से निकालने की धमकियां दी जाती हैं।
आबादपुरा के सीनियर सिटीजन को भी बेटे और बहू ने घर पर कब्जा कर बाहर निकाल दिया। बुजुर्ग बाहर धक्के खा रहे हैं, उन्हें खर्चा भी नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा, बहू की मदद बेटा कर रहा है। इस मामले की भी जांच हो। वैसे बुजुर्ग दंपति ने घर की रजिस्ट्री बेटे के नाम कर दी है।
नहीं सुधरे तो ये मिलेगा दंड
मैंटीनेंस एंड वैलफेयर ऑफ पेरेंटस एंड सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 के तहत कोई व्यक्ति जिसकी जिम्मेवारी बुजुर्ग को संभालने की है, अपने फर्जों में कोताही करता है तो उसे तीन महीने की कैद तथा 50 हजार रुपए जुर्माना हो सकता है। इस मामले पर एस.डी.एम. से शिकायत की जा सकती है।
हाईकोर्ट ने पिछले साल पंजाब सरकार को चंडीगढ़ की एक बुजुर्ग महिला को घर से निकाले जाने पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। इसमें पूछा था कि वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 के तहत राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए है?