Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 08:34 AM
कुछ माह पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने शहर के चारों कांग्रेसी विधायकों को विकास कार्यों हेतु 42 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी की थी जिसके आधार पर नगर निगम ने 98 के करीब टैंडर लगाए। इनमें से 20 टैंडर ऐसे थे जो सिंगल या डबल रिसीव हुए जिन्हें...
जालंधर (खुराना): कुछ माह पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने शहर के चारों कांग्रेसी विधायकों को विकास कार्यों हेतु 42 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी की थी जिसके आधार पर नगर निगम ने 98 के करीब टैंडर लगाए। इनमें से 20 टैंडर ऐसे थे जो सिंगल या डबल रिसीव हुए जिन्हें दोबारा लगाया गया और अब उन्हें जल्द खोला जाएगा।
इस बीच पता चला है कि 30-35 करोड़ रुपए के कामों के ज्यादातर टैंडर 3 ठेकेदारों के हिस्से आए हैं जिन्होंने 25 से 30 प्रतिशत तक डिस्काऊंट भरा है। ज्यादातर काम सीमैंट की सड़कों से संबंधित है। ऐसे में 30 प्रतिशत तक डिस्काऊंट की बात सुनकर पंजाब सरकार के अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं। चंडीगढ़ से प्राप्त सूत्रों के अनुसार लोकल बाडीज के उच्चाधिकारियों ने इतने भारी डिस्काऊंट को गम्भीरता से लेते हुए कई प्रश्रचिन्ह खड़े किए हैं। एक सवाल यह किया जा रहा है कि या तो इन टैंडरों के एस्टीमेट गलत हैं या ठेकेदार गलत रास्ते पर चल कर टैंडर हथियाने के लिए ऐसा खेल खेल रहे हैं। इन उच्चाधिकारियों का मानना है कि 30 प्रतिशत डिस्काऊंट देकर इस नेचर का विकास कार्य सही कदापि नहीं हो सकता।
थर्ड पार्टी और फॉरैंसिक ऑडिट का भी डर नहीं
होशियारपुर के एक तथा जालंधर के 2 ठेकेदारों ने नगर निगम के करोड़ों रुपए के विकास कार्यों के टैंडर भारी डिस्काऊंट देकर हथिया तो लिए हैं परन्तु शायद उन्हें थर्ड पार्टी और फॉरैंसिक ऑडिट का कोई डर दिखाई नहीं दे रहा। गौरतलब है कि इन दिनों लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने निगमों के हर प्रकार के कार्यों को लेकर जबरदस्त सख्ती कर रखी है और अब उन्होंने विकास कार्यों का फॉरैंसिक ऑडिट भी शुरू करवा दिया है।
30 प्रतिशत डिस्काऊंट देकर ये ठेकेदार सड़कों की क्वालिटी को कैसे मैंटेन करते हैं यह देखने वाली बात होगी। उल्लेखनीय बात यह है कि तीनों ही ठेकेदार किसी न किसी समय विकास कार्यों की घटिया क्वालिटी को लेकर जबरदस्त चर्चा में रहे हैं परन्तु अकाली-भाजपा शासनकाल दौरान ठेकेदारों की मनमानियां लगातार जारी रहीं जिस कारण पिछले कई साल शहर में धड़ल्ले से घटिया सड़कें बनती रहीं।