Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jan, 2018 08:38 AM
मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के ऐलान होने से ऐन पहले कांग्रेस में उस समय बगावत के आसार बन गए जब सांसद संतोख चौधरी की डिनर डिप्लोमेसी को नॉर्थ विधानसभा हलका के पार्षदों ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। सांसद संतोख चौधरी ने आज अपने कपूरथला...
जालंधर (चोपड़ा): मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के ऐलान होने से ऐन पहले कांग्रेस में उस समय बगावत के आसार बन गए जब सांसद संतोख चौधरी की डिनर डिप्लोमेसी को नॉर्थ विधानसभा हलका के पार्षदों ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। सांसद संतोख चौधरी ने आज अपने कपूरथला रोड पर स्थित रिजोर्ट में कांग्रेस विधायकों, पार्षदों, चुनाव हारे उम्मीदवारों सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का रात्रि भोज किया परंतु नॉर्थ हलके के विधायक जूनियर अवतार हैनरी व उनके हलका के पार्षदों ने डिनर का बायकाट करके संकेत दे दिए कि कल निगम हाऊस में मेयर के चुनाव के दौरान पार्टी में कोई बवाल मच सकता है।
इस कार्यक्रम में कैंट विधानसभा के विधायक परगट सिंह भी नहीं शामिल हुए। हलके से सबंधित पार्षद अरुणा अरोड़ा, पार्षद पवन कुमार, पार्षद हरशरण कौर तथा वैस्ट हलका से मेयर की दावेदार सुरिन्द्र कौर भी नहीं पहुंची। सूत्रों की मानें तो विधायक हैनरी अपने हलका के वरिष्ठ पार्षदों ज्ञानचंद सोढी व देसराज जस्सल को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर अथवा डिप्टी मेयर के किसी पद पर एडजस्ट करना चाहते हैं परंतु हाईकमान की तरफ से जारी होने वाले तीनों नामों के बंद लिफाफे में उनके हलका से किसी पार्षद का नाम नहीं है। सूत्रों की मानें तो नॉर्थ हलके को नजरअंदाज किए जाने के पीछे सांसद का ही हाथ माना जा रहा है।
विधायक हैनरी ने ऐसा कदम अपनी नाराजगी हाईकमान तक पहुंचाने के लिए उठाया है। सैंट्रल हलके से विधायक राजिन्द्र बेरी डिनर में शामिल हुए, परंतु उनकी पत्नी व पार्षद उमा बेरी वहां नहीं आई। विधायक सुशील रिंकू ने अपने समर्थक पार्षदों को एक साथ लेकर कार्यक्रम में दमदार एंट्री मारी जोकि खासी चर्चा का विषय बनी रही। वर्णनीय है कि डिनर में कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए।
लोकसभा चुनावों के देख सांसद चौधरी फिट करने लगे अपनी गोटियां
2019 के शुरूआती महीनों में होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए सांसद संतोख चौधरी भी डिनर डिप्लोमेसी के जरिए अपनी गोटियां फिट करने की कोशिशों में जुट गए हैं लेकिन 2 विधायकों और 30 के करीब पार्षदों की गैर-मौजूदगी ने पार्टी में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है जिसकी आज देर रात को कांग्रेसी गलियारों में खासी चर्चा बनी रही। सम्पर्क करने पर नाम न छापने की शर्त पर कांग्रेस नेताओं का कहना था कि सांसद संतोख चौधरी ने करीब साढ़े 3 सालों तक जालंधर शहर को पूरी तरह से नजरअंदाज किए रखा। सांसद ने अपना पूरा ध्यान अपने बेटे विक्रमजीत चौधरी को फिल्लौर हलका से विधानसभा चुनाव लड़ाने को केंद्रित किए रखा। सांसद कोष का ज्यादातर हिस्सा भी सांसद संतोख चौधरी ने फिल्लौर में विकास कार्यों पर ही खर्च किया, जबकि जालंधर के बाकी 8 विधानसभा हलका तो फंड के लिए तरसते ही रहे।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि फिल्लौर के अलावा किसी हलका के नेता व कार्यकत्र्ता की बात न सुनने वाले सांसद को अपने बेटे की हार के बाद हमारी याद आ गई है। उन्होंने लोकसभा हलके के बाकी विधानसभा क्षेत्रों का रुख करना शुरू किया।
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि अब लोकसभा चुनावों को केवल 1 वर्ष बाकी रह गया है, इस कारण सांसद संतोख चौधरी ने पार्षदों से सीधा संबंध स्थापित रखने के लिए उनके लिए डिनर रखा परंतु विधायकों व पार्षदों की गैर-मौजूदगी को देखकर लगता है कि उनका डिनर का कार्यक्रम पार्टी में उनके खिलाफ सुलगती बगावत को हवा दे गया है।
हाईकमान चेता, कहीं जालंधर में न दोहराया जाए अमृतसर प्रकरण
सांसद द्वारा आयोजित डिनर के दौरान हुए घटनाक्रम संबंधी सारी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ तक पहुंच गई है जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान इस मामले को लेकर पूरी तरह से सजग हो गया है।
सीनियर लीडरशिप के दिलो-दिमाग में है कि कहीं अमृतसर में नवजोत सिंह सिद्धू को नजरअंदाज करने से उनके पार्षदों द्वारा शपथ ग्रहण समारोह के बायकाट करने का प्रकरण कहीं आज जालंधर में भी दोहराया न जाए।
चूंकि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आशा कुमारी, सह-प्रभारी हरीश चौधरी, सुनील जाखड़ के साथ हुई मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर के नाम का लिफाफा बंद कर लिया है परंतु अब बगावत की भनक के उपरांत सुबह एक बार फिर से फाइनल किए नामों पर पुनर्विचार होने की संभावना बन गई है जिसके उपरांत ही कल निगम हाऊस में होने वाली मीटिंग में तीनों पदों के नामों की घोषणा की जाएगी।