Edited By Updated: 17 Oct, 2015 11:05 AM
कई दिनों से पंजाब में मचे कोहराम का क्या अंत हो पाएगा।
चंडीगढ़ः कई दिनों से पंजाब में मचे कोहराम का क्या अंत हो पाएगा। डेरा प्रमुख को माफी दिए जाने को लेकर पंजाब के लोग इतने उग्र हो गए थे कि पंजाब में खूनी मंजर देखने को मिला था।
एक दिन में एेसे सत्ता ने पल्टी खाई कि 2 बड़े फैसले बदल गए। पहला, पांच सिंह साहिबान ने डेरा सिरसा मुखी को माफीनामे का अपना हुक्मनामा वापस ले लिया। दूसरा, सरकार ने फरीदकोट गोलीकांड मामले में दर्ज किए गए 764 लोगों पर केस वापस लेने के निर्देश दिए।
डेरामुखी गुरमीत सिंह राम रहीम को गुरु गोबिंद सिंह जी का बाना धारण करने के मामले में अकाल तख्त की ओर से दी गई माफी के हुकुमनामे अकाल तख्त ने ही वापस ले लिया है। अकाल तख्त की शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। अकाल तख्त की अमृतसर में जत्थेदार ज्ञानी गुरबच्चन सिंह की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में अकाल तख्त के बीते माह 24 सितंबर को जारी किए उस हुकुमनामे को रद्द कर दिया गया जिसमें जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम को माफ करने की बात कही गई थी। जत्थेदार ज्ञानी गुरबच्चन सिंह ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख को जारी किए गए हुकुमनामे से सिख समुदाए के लोग खुश नहीं थे, जिसके चलते उनकी भावनाओं को समझते हुए माफी के हुकुमनामें को वापिस लिया गया है।
वहीं पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की बेअदबी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की तरफ से किए गए सभी केस रद्द करने के निर्देश दिए हैं।
सुखबीर बादल ने कहा कि इस संकट की घड़ी में पूरा पंजाब प्रदर्शनकारियों के साथ है और श्री गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी के बाद लोगों के गुस्से को वह समझ सकते हैं। इसलिए उन्होंने सूबा पुलिस को सभी प्रदरशनकारियों ख़िलाफ़ किए गए मामलों को रद्द करन के निर्देश दिए हैं।