Edited By Updated: 23 Jun, 2016 11:58 AM
केंद्रीय भंडार हेतु अनाज खरीदने के लिए कैश क्रैडिट लिमिट(सी.सी.एल.) पर पंजाब और केंद्र सरकार के बीच जारी विवाद
चंडीगढ़ : केंद्रीय भंडार हेतु अनाज खरीदने के लिए कैश क्रैडिट लिमिट(सी.सी.एल.) पर पंजाब और केंद्र सरकार के बीच जारी विवाद सुलझाने के लिए अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहल की है। मसला शीघ्र सुलझाने के लिए मोदी ने राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों पर आधारित एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने बुधवार सुबह मोदी से मिलकर मसला शीघ्र सुलझाने के लिए निजी दखल की मांग की थी। बादल ने उन्हें बताया कि अनाज खरीद में राज्य द्वारा उठाए जाते खर्चे और केंद्रीय खरीद एजैंसियों द्वारा किए जाते पुनर्भुगतान में काफी अंतर होने के चलते राज्य कई मुश्किलें झेल रहे हैं।इससे पहले मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली से मिलकर अनाज खरीद हेतु राज्य द्वारा किए गए समूचे खर्चे की अदायगी करने के लिए स्थायी विधि-विधान बनाने की अपील की। बादल ने सी.सी. लिमिट से जुड़े सभी मुद्दे उठाए ताकि पंजाब के किसानों को कोई मुश्किल पेश न आए।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में बादल ने राज्य में घुसपैठ रोकने के लिए सीमा सील संबंधी अपनी मांग फिर से दोहराई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पंजाब पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए खुले दिल से फंड देना चाहिए। पंजाबियों को नशेड़ी कहने पर एतराज जताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी नशे का उत्पादन नहीं होता है, फिर भी राज्य को बदनाम किया जा रहा है। पंजाब नशों की तस्करी का रास्ता है। राज्य सरकार नशों के खिलाफ राष्ट्रीय लड़ाई लड़ रही है। राज्य सरकार ने नशा तस्करी रोकने के लिए बड़े स्तर पर अभियान शुरू किया है परंतु कुछ सियासी पाॢटयां संकीर्ण हितों के लिए समूचे राज्य को नशेड़ी के तौर पर बदनाम कर रही हैं।
उन्होंने अकाली-भाजपा गठजोड़ को भी इस दौरान अटूट बताया। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों एवं परमिंद्र सिंह ढींडसा, मुख्य सचिव सर्वेश कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस.के. संधू, अतिरिक्त मुख्य सचिव डी.पी. रैड्डी, खाद्य एवं सिविल आपूॢत सचिव राजकमल चौधरी, सिंचाई सचिव काहन सिंह पन्नू तथा स्थानीय आयुक्त पंजाब भवन के. शिवा प्रसाद उपस्थित थे।