Edited By Updated: 16 Jun, 2016 11:55 AM
जन दबाव के आगे पंजाब सरकार नतमस्तक हो गई है। लुधियाना के निकट संत रणजीत सिंह ढडरियां वाले पर हुए ..
जालंधर (धवन): जन दबाव के आगे पंजाब सरकार नतमस्तक हो गई है। लुधियाना के निकट संत रणजीत सिंह ढडरियां वाले पर हुए प्राणघातक हमले के बाद कई जिलों में यह मौखिक निर्देश जारी कर दिए गए थे कि स्वयं सेवी संगठन छबील लगाने से पहले पुलिस वैरीफिकेशन करवाएंगे। फिर वह छबील लगा सकेंगे। इसके लिए उन्हें 500 से 800 रुपए तक का भुगतान भी करना पड़ेगा।
सरकार के इस नादिरशाही फरमान के बाद भारी हलचल हो गई। कांग्रेस व अन्य पार्टियों ने इसका खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया तथा कहा कि छबील व लंगर की परम्परा वाले राज्य में सरकार स्वयं सेवी संगठनों पर आर्थिक बोझ डाल रही है। जनता के बढ़े दबाव को देखते हुए आज पंजाब के मुख्य संसदीय सचिव के.डी. भंडारी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत की तथा अधिकारियों ने उन्हें बताया कि स्वयं सेवी संगठनों को छबील लगाने के लिए पुलिस वैरीफिकेशन करवाने या फीस अदा करने की जरूरत नहीं है। प्रशासन के अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें इस संबंध में अभी तक सरकार से लिखित नोटीफिकेशन प्राप्त नहीं हुआ है।
भंडारी ने कहा कि अगर सरकार ने ऐसा कोई नोटीफिकेशन जारी भी किया तो भाजपा उसका कड़ा विरोध करेगी। दूसरी ओर पंजाब कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुनील जाखड़ ने भी ऐलान कर दिया है कि ऐसे किसी भी नोटीफिकेशन को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब गुरुओं-पीरों व पैगम्बरों की धरती है। इस पर छबील लगाना गौरव समझा जाता है। छबील लगाने के लिए अगर कोई सैस या टैक्स लगाया जाता है तो कांग्रेस उसका डटकर विरोध करेगी।कांग्रेस नेता ने कहा कि लुधियाना में संत ढडरियां वाले पर छबील के निकट हुआ हमला वास्तव में सरकार की कानून व्यवस्था के फ्रंट पर विफलता का संकेत है। इसकी आड़ में छबील लगाने वाले संगठनों पर दबाव डालना उचित नहीं है।