Edited By Updated: 26 Oct, 2016 10:39 AM
केन्द्र सरकार की तरफ से अपने कर्मचारियों व पैंशनरों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की तर्ज पर पंजाब सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के लिए कैशलैश स्कीम इस वर्ष शुरू की थी।
जालंधर(प्रदीप): केन्द्र सरकार की तरफ से अपने कर्मचारियों व पैंशनरों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की तर्ज पर पंजाब सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के लिए कैशलैश स्कीम इस वर्ष शुरू की थी। ओरिएंटल इंश्योरैंस कम्पनी के अधीन चलाई जा रही इस स्कीम के अंतर्गत सरकार ने कुछ खास वर्ग के कर्मचारियों व विधायकों को छोड़कर बाकी सभी कर्मचारियों के लिए यह अनिवार्य कर दी थी।
शहरों व कस्बों के बहुत से अस्पतालों को इस स्कीम के अधीन लाते हुए कर्मचारियों को इनडोर स्वास्थ्य सुविधाएं जारी की गईं। शुरूआत में चाहे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा परंतु धीरे-धीरे जानकारी मिलने के बाद इसके सकारात्मक प्रभाव सामने आने लगे। यह स्कीम अगले साल के लिए रिन्यू न होने के कारण कर्मचारियों व पैंशनरों में रोष व्याप्त है। पहले जहां कर्मचारियों को इलाज करवाने के लिए एडवांस पैमेंट करनी पड़ती थी पर इस स्कीम के अधीन मरीजों को दाखिल होने पर या एमरजैंसी केस करवाने पर पैसे नहीं अदा करने पड़ते हैं। स्कीम दौरान केस पास होने पर अस्पताल को सीधी अदायगी की जाने लगी।
यह स्कीम लागू होने पर कर्मचारियों को काफी फायदा हुआ पर इसे पूर्ण तौर पर लागू होने तक कर्मचारियों को बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ीं। अपना नाम न छापने की शर्त पर एक मरीज ने बताया कि सरकार की तरफ से मंजूरशुदा अस्पताल में जहां इलाज किया जाता है वहां कुछ कमियां सामने आई हैं। मरीज को पूरा पैकेज या लम्बे समय तक इलाज करवाने की आड़ में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दूसरी तरफ सरकार के अधीन काम कर रही हैल्थ इंश्योरैंस की बैवसाइट की बात करें तो आंकड़े बताते हैं कि अब तक कर्मचारियों के 40 हजार से ज्यादा केस नामजद हुए हैं और 39 हजार केस कार्रवाई में हैं। इनमें से बहुत से केसों का भुगतान भी कर दिया गया है। बैवसाइट से यह भी पता चलता है कि सरकार ने करोड़ों से भी ज्यादा का भुगतान अस्पतालों को कर दिया है व अन्य केसों की कार्रवाई चल रही है।
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