लम्बी जद्दो-जहद के बाद आखिर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को पंजाब कांग्रेस की प्रधानगी मिल गई है। पंजाब केसरी के प्रतिनिधि...
जालंधर: लम्बी जद्दो-जहद के बाद आखिर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को पंजाब कांग्रेस की प्रधानगी मिल गई है। पंजाब केसरी के प्रतिनिधि रमनदीप सिंह सोढी ने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के प्रधान बनने के बाद उनसे खास बातचीत की। पेश हैं कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ बातचीत का विवरण:-
प्र: पंजाब में कांग्रेस के लिए कौन-सी चुनौतियां हैं?
उ: कैप्टन: कांग्रेस के लिए पंजाब में कोई चुनौती नहीं है। अकाली दल और भाजपा लोगों के दिलों से उतर चुके हैं और लोगों में उनके लिए भारी रोष है। बरगाड़ी वाली घटना को लोग भूलेंगे नहीं तथा इसका खमियाजा अकाली दल को चुनावों में भुगतना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी (आप) की छवि पहले ही खराब हो चुकी है। दिल्ली में आप के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नाकाम साबित हो रहे हैं तथा अपनी नाकामियां कभी केन्द्र सरकार तथा कभी गवर्नर पर डाल रहे हैं। पंजाब में भी आप 3 हिस्सों में बंट चुकी है। वहीं कांग्रेस एकजुट हो रही है तथा वर्करों में भी भारी उत्साह है जिसके चलते हम आगामी 2017 के चुनावों में आसानी से जीत हासिल करेंगे।
प्र: पंजाब में केजरीवाल की ‘आप’ ’यादा मजबूत मानी जा रही है, आपका क्या कहना है?
उ: कै. ‘आप’ का हाल सब ने पटियाला में हुए उपचुनाव के दौरान देख लिया है। कांग्रेस लगातार मजबूत हो रही है तथा आप आपसी फूट की स्थिति का सामना कर रही है। पार्टी के पास न तो पंजाब के लिए कोई पॉलिसी है तथा न ही कोई कार्यक्रम। मुझे लगता है कि आप की हवा केवल लोकसभा चुनावों तक ही थी।
प्र: 2017 के चुनावों में कांग्रेस का मुकाबला आप किस के साथ मान रहे हैं?
उ: कै. किसी के साथ मुकाबला नहीं है। हमें जीतने में किसी तरह की कोई समस्या पेश नहीं आएगी क्योंकि विपक्ष बहुत कमजोर हो चुके हैं।
प्र: क्या कांग्रेस सरकार रा’य की सत्तारूढ़ अकाली दल-भाजपा सरकार की नाकामी को ही अपनी जीत मान रही है या कांग्रेस का अपना भी कोई एजैंडा है?
उ: कै. हमारे पास अपना ही एजैंडा है। अभी 2 दिन हुए प्रधान बने, सारा पंजाब घूमूंगा। गत 10 वर्षों में अकाली दल ने रा’य का बुरा हाल कर दिया है, जिसका सुधार करूंगा। पंजाब का किसान और उद्योग तबाह हो चुका है। रा’य में अपराध की घटनाएं बढ़ गई हैं और रा’य के नौजवानों को नशों ने घेरा है। इन सभी समस्याओं का हल किया जाएगा।
प्र: मुख्यमंत्री बादल कह रहे हैं कि 2 बार चुनाव हारे कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से उनको कोई खतरा नहीं है इस पर क्या कहेंगे?
उ: कै. बादल को इस बार पता चलेगा कि उनका क्या हश्र होगा? छोटा बादल मुझे भटिंडा में रैली करने की चुनौती दे रहा है तथा बड़ा बादल कह रहा है कि ऐसी कोई बात नहीं है। यह तो पहले ही भागते फिर रहे हैं।
प्र: क्या आपको सुखबीर की भटिंडा में रैली करने की चुनौती देना मंजूर है?
उ: कै.: अभी-अभी प्रधानगी मिली है। पार्टी के साथ मिल-बैठ कर फिर प्रोग्राम बनाएंगे लेकिन भटिंडा में रैली अवश्य करेंगे।
प्र: क्या आपको नहीं लगता कि कांग्रेस हाईकमान ने नई टीम चुनते समय दोआबा तथा माझा को नजरअंदाज किया है?
उ: कै. नजरअंदाज कहां किया है? माझा तो मैं हूं, मैंने अरुण जेतली को 1.30 लाख वोटों से हराया है। मालवा में मेरा घर है। मैं नहीं सोचता कि माझा और दोआबा को पूरी नुमाइंदगी नहीं मिली। पंजाब को हम दोआबा, माझा तथा मालवा में बांट कर देखते हैं जो सही नहीं है।
प्र: आप केन्द्र की सत्ता छोड़ कर पंजाब को प्राथमिकता दे रहे हैं इसका क्या कारण है?
उ: कै. मैंने सोनिया जी को लोकसभा चुनावों से पहले ही अमृतसर से लडऩे के लिए मना किया था परंतु उन्होंने मुझे प्रार्थना की थी कि कांग्रेस के लिए ’यादा से ’यादा सीटें लेनी जरूरी हैं। लिहाजा आप अमृतसर से लड़ें तथा चाहे जीतने के बाद इस्तीफा दे देना, परंतु कांग्रेस की केवल 44 सीटें आईं लिहाजा मैंने इस्तीफा नहीं दिया। अब मुझे पंजाब की कमान मिल गई है तथा मैं यहीं पर खुश हूं।
प्र: क्या अमृतसर की लोकसभा सीट छोड़ेंगे?
उ: कै. मैं सीट नहीं छोडूंगा। हालांकि मुझे भी पता है कि मैं अमृतसर में बहुत काम नहीं कर सकता क्योंकि न तो अमृतसर में नगर निगम हमारा है, न ही रा’य में तथा केन्द्र में सरकार कांग्रेस की है परंतु मैंने मुख्यमंत्री रहते अमृतसर में 2000 करोड़ रुपए के कार्य करवाए थे तथा शहर मुझे जानता है। फिर दोबारा मुख्यमंत्री बना तो अमृतसर के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्र: क्या आपको लगता है कि प्रधान बनने के बाद अकाली दल आपको किसी पुराने मामले में फंसा सकता है?
उ: कै. अकाली दल जो करता है उसे करने दो। देश में न्यायिक व्यवस्था है। वर्ष 2012 के चुनावों से पहले भी इन्होंने ऐसा ही किया था। सिटी सैंटर मामला तो गत 9 वर्षों से चल रहा है, यह खत्म नहीं होना। 2017 के चुनावों से पहले ही यह कोई और मामला निकालेंगे।
प्र: सुखबीर के हमलावर तथा बादल के नर्म रवैए को आप किस प्रकार की रणनीति के रूप में देखते हो?
उ: कै. दोनों एक जैसे हैं। बड़ा बोलता नहीं, छोटा बोलता है परंतु दोनों के दिल एक जैसे हैं। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।
प्र: अकाली दल का आरोप है कि कैप्टन अमरेन्द्र तक आम वर्कर की पहुंच नहीं है?
उ: कै. आपको क्या लगता है कि मेरे तक पहुंच मुश्किल है। मेरी जीत का फर्क लगातार बढ़ रहा है। मैं पटियाला से 3 बार जीता हूं। पहले चुनावों में 28,000, दूसरे चुनाव में 36,000 तथा तीसरे चुनाव में 42,000 वोटों के अंतर से जीता हूं। अगर मैं लोगों को मिलता न होता तो मुझे ऐसी जीत कैसे मिल सकती है। यह सब कहने की बातेंहैं, बाप-बेटा दोनों झूठे हैं तथा झूठी राजनीति करते हैं।
प्र: पंजाब के मौजूदा हालात में गठजोड़ की राजनीति को किस रूप में देखते हो?
उ: कै. हर पार्टी में उतार-चढ़ाव आते हैं। साल 1977 में मैं भी चुनाव हार गया था। परंतु 1980 में कांग्रेस ने वापसी की। साल 2014 में घोटालों के चलते कांग्रेस हार गई परंतु अब लोगों ने नई सरकार की कारगुजारी देख ली है। प्रधानमंत्री के विदेशी दौरों के अलावा जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो रहा जिसका नतीजा बिहार में देखने को मिला है। मध्य प्रदेश में रतलाम की सीट भी भाजपा हार गई है तथा आने वाले वर्षों में अन्य रा’यों में भी ऐसे ही नतीजे देखने को मिल सकते हैं।
प्र: पंजाब में गठजोड़ तथा मनप्रीत बादल को लेकर आपका क्या विचार है?
उ: कै. हम समान विचारधारा वाले धर्मनिरपेक्ष दलों से बात करेंगे। हम 2007 तथा 2012 के चुनावों में बहुत कम अंतर से हारे थे। मौजूदा समय में सत्ताधारी धड़े के हालात कमजोर हैं इसके बावजूद हम गठजोड़ की कोशिश करेंगे परंतु यह इस बात पर निर्भर करेगा कि अन्य पाॢटयां कितनी सीटों की मांग करती हैं।
प्र: पंजाब में आप कांग्रेस को कितनी सीटों पर मजबूत मानते हो?
उ: कै. पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बेअंत सिंह की जीत काफी बड़ी थी हम कभी 60 सीटें जीतते हैं तथा कभी 90 भी जीत जाते हैं। आज के माहौल में बहुत बड़ी लीड मिलेगी। हम कोशिश करेंगे कि लोगों का समर्थन चुनावों के समय भी कायम रहे।
प्र: चुनाव फंडों के साथ लड़े जाते हैं तथा 10 वर्ष सत्ता से बाहर रहने के बाद कांग्रेस के पास फंडों की कमी है, आपका क्या कहना है?
उ: कै. हम फंडों का कुछ नहीं कर सकते। अकाली दल के पास पैसा है तथा वह पैसे से पंडाल लगा लेंगे परंतु लोगों के दिल पैसे से नहीं खरीदे जा सकते। अकाली दल में तो ऐसा रिवाज है। यह 3 दिन पहले लोगों को खरीदने का सिलसिला शुरू करते हैं तथा पैसे देकर लोगों को वेयरहाऊस में बिठा देते हैं परंतु इस समय पंजाब के हालात अकालियों के विपरीत हैं। यह जितने मर्जी पैसे दे दें लोग इस बार इनको वोट नहीं डालेंगे।
प्र: खडूर साहिब उपचुनाव की क्या तैयारी है?
उ: कै. सफिलहाल चुनाव कमीशन ने इस बारे कोई फैसला नहीं किया है परंतु मुझे लगता है कि जनवरी या फरवरी में किसी रा’य के चुनावों के साथ ही खडूर साहिब में उपचुनाव करवाए जा सकते हैं। हम यह चुनाव लड़ेंगे।
प्र: क्या रमनजीत सिंह सिक्की को ही इस सीट पर दोबारा लड़वाना चाहते हैं?
उ: कै. क्यों नहीं, उसने कुछ गलत नहीं किया, परंतु सोचने वाली बात यह है कि इस्तीफा दिया क्यों? सिक्की ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के कारण इस्तीफा दिया है तथा सिक्की के चुनाव न लडऩे का कोई कारण नहीं बनता। वह भावुक इंसान है। वर्ष की शुरूआत में पहला एक महीना वह श्री दरबार साहिब में रहता है। उसके इलाके में बाठ गांव की घटना से इसके दिल को भारी ठेस पहुंची तथा उसने इस्तीफा दे दिया।
प्र: अकाली दल सरबत खालसा में शामिल होने के कारण सिक्की पर हमले कर रहा है। आपका क्या कहना है?
उ: कै. सिक्की का भाषण सुनो उसने क्या कहा है। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई सब पंजाबी हैं तथा सभी को इकट्ठे होना चाहिए। किसी ने खालिस्तान का नारा नहीं लगाया। सिमरनजीत सिंह मान स्टेज पर बोलना चाहते थे परंतु उन्हें बोलने नहीं दिया गया तथा वह गुस्से होकर मंच से चले गए। खालिस्तान की वहां कोई बात नहीं हुई। सरबत खालसा तो हमारी परम्परा है।
प्र: क्या आप मान द्वारा पेश किए विचारों से इत्तेफाक रखते हैं?
उ: कै. नहीं, मैं कोई इत्तेफाक नहीं रखता। साल 1920 से लेकर 1925 के दौरान गुरुद्वारा कमेटी बनी तथा यह कमेटी गुरुद्वारों के रख-रखाव का काम करती है। अगर कमेटी में शामिल लोग सही नहीं हैं तो आप संस्था को तो खत्म नहीं कर सकते। एस.जी.पी.सी. हासिल करने के लिए 400 लोगों ने शहादत दी व 2000 से ’यादा लोग जख्मी हुए तथा अंग्रेजों ने करीब 30,000 लोगों को कैद कर लिया था। वह हमारा संस्थान है। आज इन्होंने भीड़ इकट्ठी करके जत्थेदार नियुक्त कर दिए, कल को कोई 2 लाख लोग इकट्ठे करके इन जत्थेदारों को बदल दे तो क्या यह मान लेंगे? जो काम एस.जी.पी.सी. के द्वारा हो सकता है वह एस.जी.पी.सी. के जरिए ही होना चाहिए। अगर मक्कड़ तथा उसके साथी खराब हैं तो अगले गुरुद्वारा चुनावों में इनको बाहर निकालो।
प्र: गत चुनावों में ऐसी कौन सी गलतियां रहीं जो दोहराई नहीं जाएंगी?
उ: कै. पिछली बार 39 सीटों की बांट गलत हुई थी। इस बार इसका खास ध्यान रखा जाएगा। केवल जीत हासिल करने की समर्था रखने वालों को ही टिकट मिलेगी। टिकटों के वितरण समय किसी की कोई रिश्तेदारी नहीं देखी जाएगी।
प्र: क्या आप मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से कुछ पूछना चाहते हैं?
उ: कै ‘नहीं’ मैं बादलों से कुछ पूछना नहीं चाहता, अक्ल तो उसको है नहीं, सो क्या पूछूं, वह तो ऐसे ही बोलते रहते हैं, उनको तो केवल एक चीज पसंद है, वहां जाकर (खडूर साहिब में) संगत दर्शन फिर शुरू कर दिए उनको यही काम पसंद है, जैसे शेरे पंजाब महाराजा रणजीत सिंह करते थे। वह यह समझता है कि वह महाराजा रणजीत सिंह है, इनको क्या पूछूंगा मैं, कभी कुछ बोलते तो हैं नहीं बस छोड़ो जी, छोड़ो जी यही कर रहे हैं। उनके पास कोई जवाब नहीं अगर कोई बोले तो मैं कोई बात करूं।