Edited By Updated: 22 Jan, 2016 10:11 AM
कानूनी तौर पर सियासी पाॢटयों को फंड मुहैया करवाने की प्रक्रिया तहत बनाए गए
भटिंडा : कानूनी तौर पर सियासी पाॢटयों को फंड मुहैया करवाने की प्रक्रिया तहत बनाए गए इलैक्टोरल ट्रस्टों द्वारा 2014-15 में कुल 177.40 करोड़ रुपए देश की विभिन्न सियासी पार्टियों को बांटे गए जिसमें से अकेली भाजपा ही ऐसी पार्टी है जिसे उक्त राशि में से 111.35 करोड़ रुपए दिए गए।
इस कारण भाजपा पर आरोप लग रहे हैं कि यह प्रक्रिया भाजपा व कार्पोरेट घरानों की मिलीभगत का परिणाम है। पीपुल्ज फॉर ट्रांसपेरैंसी के महासचिव व आर.टी.आई. वर्कर कमल आनंद द्वारा चुनाव आयोग से ली गई जानकारी के अनुसार कार्पोरेट घराने सियासी पार्टियों को फंड के नाम पर करोड़ों रुपए देते हैं।
2013 में कार्पोरेट ने यह फंड कानूनी तौर पर देने पर विचार किया जिसके तहत इलैक्टोरल बनाने की बात सामने आई। उक्त ट्रस्टों को कोई भी कार्पोरेट कानूनी तौर पर फंड दे सकता था। ट्रस्टों को विशेष बॉडी चलाएगी व मर्जी के अनुसार पाॢटयों को फंड देगी।
इन ट्रस्टों को मंजूरी देने के संबंध में सी.बी.टी.डी. (सैंट्रल बोर्ड आफ डायरैक्ट टैक्सस) ने भी हामी भर दी व फंड पर टैक्स माफ कर दिए गए। इस प्रकार के कुल 18 ट्रस्ट बोर्ड के पास पहुंचे जिनमें से 15 को मंजूरी मिल गई। उक्त ट्रस्टों में से 6 के पास फंड एकत्र हुए जिनमें बजाज इलैक्टोरल ट्रस्ट पुणे के पास 3.05 करोड़, जनप्रगति इलैक्टोरल ट्रस्ट नई दिल्ली के पास 4.02 करोड़, प्रोग्रैसिव इलैक्ट्रोल ट्रस्ट मुंबई के पास 25.15 करोड़, समाज इलैक्टोरल ट्रस्ट कोलकाता के पास 0.52 करोड़, सत्य इलैक्टोरल ट्रस्ट नई दिल्ली के पास 141.78 करोड़ तथा ट्राइंफ इलैक्टोरल ट्रस्ट चेन्नई के पास 3.02 करोड़ रुपए एकत्र हुए। इस प्रकार कुल प्राप्त हुए 177.55 करोड़ रुपए में से ट्रस्टों ने अपने कार्यक्रमों पर 15 लाख रुपए खर्च किए, जबकि 177.40 करोड़ रुपए विभिन्न पाॢटयों में वितरित किए गए।
इस फंड में से अकेली भाजपा को 111.35 करोड़ रुपए दिए गए जबकि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी व देश भर की सियासी पाॢटयों को केवल 66.05 करोड़ रुपए ही दिए गए। इस संबंध में आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि भाजपा कार्पोरेट घरानों से मोटी राशि लेती है व उनके मुताबिक ही नीतियां बनाई जाती हैं व उन्हें लाभ दिए जाते हैं। भाजपा ने कई घरानों को देश-विदेश में अरबों-खरबों रुपए के कर्ज भी मुहैया करवाए हैं।
इस बारे में कांगे्रस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि कार्पोरेट घरानों से फंड लेकर उन्हें लाभ देना ही तो ‘भाजपा नीति’ है। इसमें देश के हितों को भी दरकिनार कर दिया जाता है। भाजपा की नीति का यह एक छोटी सा उदाहरण है, जबकि असलियत यह है कि भाजपा ने चुनाव से पहले कार्पोरेट घरानों से 10 हजार करोड़ रुपए एकत्र किए थे। उन्होंने कहा कि इस भाजपा नीति से देश को खतरा है।