Edited By Updated: 14 Feb, 2016 02:00 PM
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु भारत मां के महान सपूत थे।
जालंधरः भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु भारत मां के महान सपूत थे। वह भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्र करवाने के लिए हंसते-हंसते सूली पर चढ़ गए।इन महान शहीदों का नाता वैलेंटाइन डे से हो सकता है? नहीं, पर सोशल मीडिया पर कुछ लोग वैलेंटाइन डे का विरोध इन शहीदों का नाम लेकर कर रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं, उस विवाद की जो फेसबुक, गूगल प्लस और ट्विटर सहित कई सोशल मीडिया साइट पर चल रहा है। अगर ऐतिहासिक तथ्यों की बात करें तो भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर षड़यंत्र मामले में ट्रिब्यूनल कोर्ट ने 7 अक्तूबर 1930 को फांसी की तथा उनके 12 साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
उसके बाद 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी, लेकिन विशेष आदेश के अंतर्गत उन्हें 23 मार्च 1931 को शाम 7:30 बजे फांसी दे दी गई। तो तस्वीर में 14 फरवरी कहां से आई?
असल में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की जिंदगी में 14 फरवरी का महत्व बस इतना है कि प्रिविसी काउंसिल द्वारा अपील खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष मदन मोहन मालवीय ने 14 फरवरी 1931 को लॉर्ड इरविन के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया।वैलेंटाइन डे का विरोध करने वाले कम से कम देश के शूरवीरों से जुड़े तथ्यों को लेकर युवाओं को गुमराह न करें। ये इतने संवेदनशील मुद्दे हैं, कि इनसे हजारों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।