Edited By Updated: 09 Oct, 2015 09:50 AM
पुलिस कमिश्रर के आश्वासन के बावजूद यूथ कांग्रेस नेताओं पर दर्ज हुए केस रद्द न होने के रोष स्वरूप धरना प्रदर्शन
जालंधर (चोपड़ा): पुलिस कमिश्रर के आश्वासन के बावजूद यूथ कांग्रेस नेताओं पर दर्ज हुए केस रद्द न होने के रोष स्वरूप धरना प्रदर्शन करने को निकले सैंकड़ों यूथ कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं को पुलिस बल ने कांग्रेस भवन से बाहर निकलने से रोक दिया।
पुलिस का रवैया देख कर तैश मे आए कार्यकर्त्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की जिसके उपरांत प्रदर्शनकारियों की अगुवाई कर रहे पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान अमरप्रीत सिंह लाली, जिला कांग्रेस शहरी के प्रधान राजिन्द्र बेरी, यूथ कांग्रेस जालंधर लोकसभा हलका के प्रधान अश्वन भल्ला व पुलिस अधिकारियों के मध्य चली लंबी बातचीत के बाद अधिकारियों से मीडिया के समक्ष 1 नवंबर तक केस को रद्द करने के आश्वासन मिलने के बाद यूथ नेताओं ने धरना लगाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया।
इससे पूर्व तय प्रोग्राम के अनुसार सुबह ही भारी तादाद मे कांग्रेस कार्यकत्र्ता कांग्रेस भवन में एकत्रित हो गए। इस दौरान ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक परमिन्द्र सिंह भंडाल, ए.डी.सी.पी. सिटी-2 ए.एस. पवार, ए.सी.पी. क्राइम हरजिन्द्र सिंह, ए.सी.पी. वैस्ट रविन्द्रपाल सिंह संधू सहित आधा दर्जन थानों के एस.एच.ओ. भी अपने पूरे दल-बल के साथ मौके पर तैनात रहे जिससे पूरा इलाका पुलिस छावनी में तबदील हो गया।
जैसे ही कार्यकत्र्ता सिर पर काली पट्टियां बांध कर यातायात ठप्प करने के लिए कांग्रेस भवन से बी.एम.सी. चौक की तरफ कूच करने लगे तभी पुलिस ने भवन के दोनों मुख्य गेट बंद करके घेराबंदी करते हुए कार्यकत्र्ताओं को बाहर निकलने से रोक लिया। अधिकारियों ने गेट पर ही खड़े होकर प्रदेशाध्यक्ष लाली, बेरी, भल्ला सहित अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत करते हुए केस को रद्द करने के लिए कुछ और समय मांगा परंतु कांग्रेस नेताओं के सहमत न होने पर लाली ने अधिकारियों को और समय देने से दो टूक शब्दों मे इंकार कर दिया।
लाली ने बताया कि अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के तानाशाही कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना भी गुनाह हो गया है।उन्होंने कहा कि जिस प्रकार नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे यूथ नेताओं परमजीत बल्ल, हरजोत जोधा व नरिन्द्र सिंह को पुलिस द्वारा पहले सरे बाजार बुरी तरह से पीटने के बाद उन पर संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज किया है यह लोकतंत्र की हत्या का एक ज्वलंत उदाहरण है।
बेरी व भल्ला ने कहा कि कांग्रेस नेताओं का एक शिष्टमंडल झूठे केस को रद्द करने व मारपीट के आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस कमिश्रर यूरेन्द्र सिंह हेयर से मिला था। इस दौरान कमिश्रर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह 3-4 दिनों के भीतर मामले की जांच करवा कर केस को खारिज करवा देगें परंतु आज 2 सप्ताह बीत जाने के बावजूद स्थिति यथावत बनी हुई है।
कार्यकर्त्ताओं के रोष और स्थिति को भांपते हुए अधिकारियों ने इस संदर्भ मे कमिश्रर से बात करने को कुछ समय मांगा जिस पर प्रदेशाध्यक्ष लाली ने प्रदर्शन का कार्यक्रम आधा घंटा स्थगित कर दिया। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने कांग्रेस नेताओं से बैठक करके उन्हें मनाया और 1 नवंबर तक केस को रद्द करने का वायदा करके यूथ नेताओं के गुस्से को शांत किया। लाली व भल्ला ने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि अगर इस बार पुलिस अपने वायदे पर खरी न उतरी तो यूथ कांग्रेस 2 नवंबर को सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी।