Edited By Updated: 28 May, 2016 04:40 PM
पश्चिमी क्षेत्र में लड़ाई की पूरी तरह से निपुणता हासिल करने व उसको मुंहतोड़ जवाब देने के लिए...
जालंधर : पश्चिमी क्षेत्र में लड़ाई की पूरी तरह से निपुणता हासिल करने व दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने ग्राीष्मकालीन अभ्यास सत्र का आयोजन किया। ये अभ्यास सत्र इसी माह चला। इसमें 13 हजार सैनिकों ने भाग लिया जोकि सेना की विभिन्न यूनिटों से संबंधित हैं। अभ्यास सत्र में सैनिकों ने युद्ध में प्रयुक्त होने वाले टैंकों व विभिन्न उपकरणों का भी प्रयोग किया। विभिन्न दलों ने अपनी युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए मोबलाइजेशन और युद्ध योजना वायु सेना के साथ समन्वय स्थापित करके अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।
युद्धाभ्यास में सभी यूनिटों व उच्च मुख्यालयों ने अपनी बढ़ती हुई युद्ध शक्ति से भी प्रभावित किया। युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देेश्य पैंथर डिवीजन के विभिन्न फारमेशनों को संयुक्त प्रभावशाली युद्ध क्षमता हासिल करवाना था। साथ ही दुश्मन को जल्दी से जल्दी खत्म करके उसके अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाना था। युद्धाभ्यास के निर्णायक एवं रोमांचक क्षणों के अवलोकन के लिए लेफ्टिनेंट जनरल के जे सिंह (आर्मी कमांडर पश्चिम कमान) भी उपस्थित रहे।