Edited By Updated: 26 Jul, 2016 11:51 AM
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमृत लाल जैन तथा महामंत्री सुनील मेहरा ने कहा है कि शिअद भाजपा गठबंधन के साढ़े 9 वर्षों के शासनकाल में पंजाब के व्यापारी अपने कारोबार, दुकानदारी व उद्योग से वंचित ही नहीं हुए बल्कि 21 हजार उद्योग बंद हो गए हैं।
जालंधर : पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमृत लाल जैन तथा महामंत्री सुनील मेहरा ने कहा है कि शिअद भाजपा गठबंधन के साढ़े 9 वर्षों के शासनकाल में पंजाब के व्यापारी अपने कारोबार, दुकानदारी व उद्योग से वंचित ही नहीं हुए बल्कि 21 हजार उद्योग बंद हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य को नम्बर एक कहती है, जबकि वर्ष 2011-12 में पंजाब से निर्यात 13,293 मीट्रिक टन था, जो 2015-16 में घटकर 7181 मीट्रिक टन रह गया। उन्होंने कहा कि पंजाब में विभिन्न वस्तुओं पर वैट दर ज्यादा होने के कारण ही निर्यात बढ़ नहीं पा रहा है। रैडीमेड गारमैंट्स, चादर, कंबल व रजाई हरियाणा में वैट फ्री हैं, जबकि पंजाब में यह 6.5 प्रतिशत है, इसलिए 90 प्रतिशत कारखाने हरियाणा के पानीपत शहर में चले गए हैं।
मेहरा ने कहा कि कॉटन यार्न में वैट पंजाब में 3.63 प्रतिशत है, जबकि हरियाणा में मुक्त है। टैक्साइल व हौजरी के 200 यूनिट हिमाचल के बद्दी शहर में शिफ्ट हो गए हैं। पिछले 10 सालों में सिलाई मशीन के 1350 यूनिट पलायन कर गए हैं।
पंजाब में बिजली भी महंगी है, जबकि अन्य राज्यों में सस्ती मिल रही है। पावर कार्पोरेशन सरप्लस बिजली की बात करता है, अगर ऐसी बात है तो फिर उद्यमियों को पंजाब सरकार सस्ती बिजली क्यों नहीं दे रही है। बिजली कार्पोरेशन अपने पावर हाऊस में उत्पादन बंद कर अन्य राज्यों से 1.89 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली खरीद रहा है, फिर पंजाबियों को 7.50 रुपए प्रति यूनिट बिजली देकर मुनाफा क्यों कमा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि उसके पास पैसे नहीं हैं तथा कर्ज लेकर काम चलाया जा रहा है फिर वह अपने प्राधिकरणों व निगमों में नई नियुक्तियां क्यों कर रही है। आबकारी व कराधान विभाग उद्यमियों व व्यापारियों को दबाने में लगा हुआ है। अक्तूबर माह में व्यापारियों से हर वर्ष 25 करोड़ रुपए प्रोसैसिंग फीस के नाम पर इक_े किए जाते हैं। व्यापारी नेता महिन्द्र अग्रवाल, प्यारे लाल सेठ, एल.आर. सोढी, रंजन अग्रवाल, एस.के. वधवा, ओ.पी. गुप्ता, सुरेन्द्र जैन ने कहा कि 4 साल में अकाली-भाजपा सरकार ने 3954 करोड़ की जायदादें गिरवी रख कर कर्ज लिया अगर यही धन उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु लगाया जाता तो बेहतर होता।