Edited By Updated: 28 Dec, 2016 04:10 PM
जैतो हलका 1912 में वजूद में आया है। यह इलाका रिजर्व है। इससे पहले जैतो, हलका कोटकपूरा के साथ अटैच था।
जैतो हलका 1912 में वजूद में आया है। यह इलाका रिजर्व है। इससे पहले जैतो, हलका कोटकपूरा के साथ अटैच था। पंजग्राईं हलका काटकर जैतो को विधानसभा हलका बनाया गया था।
मुख्य मुद्दा
जैतो के लोगों के लिए श्री मुक्तसर साहिब रोड पर बना हुआ रेलवे फाटक एक भारी मुसीबत बना हुआ है। समय-समय सिर सरकारें बदलती रहीं, मगर किसी भी सरकार ने जैतो के लोगों की इस बड़ी मुसीबत को हल नहीं किया। लोग लगातार इस जगह पर ओवर ब्रिज बनाने की मांग करते रहे हैं, मगर किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। जब कोई गाड़ी गुजरती है, तब कम से कम 30-40 मिनट तक लगातार यह रेलवे फाटक बंद ही रहता है। दूसरी बात यह है कि फाटक पार लोग नर्क की जिंदगी बिता रहे हैं। सीवरेज न होने कारण यहां के लोग स्वस्थ भारत प्रति सोच भी नहीं सकते। जब रेलवे विभाग से यहां ओवर ब्रिज बनाए जाने प्रति पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रेलवे विभाग के पास अभी तक ओवर ब्रिज बनाने जाने की कोई प्रपोजल ही नहीं है। कुल मिलाकर लाइन पार रहते लोग नर्क की जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं।