Edited By Updated: 26 Dec, 2016 01:10 PM
एक और विधानसभा चुनाव आ गया और खन्ना वासियों को जिला बनाने और सीवरेज प्रोजैक्ट देने के नाम पर छलने के पांच साल और गुजर गए।
खन्नाः एक और विधानसभा चुनाव आ गया और खन्ना वासियों को जिला बनाने और सीवरेज प्रोजैक्ट देने के नाम पर छलने के पांच साल और गुजर गए। कभी पंजाब की सियासत का केंद्र रहे खन्ना विधानसभा क्षेत्र में 1992 की कांग्रेस सरकार में दो कैबिनेट मंत्री थे। शमशेर सिंह दूलो खन्ना से जीते थे, जबकि खन्ना के ही रहने वाले करम सिंह गिल समराला से जीत कर कैबिनेट में गए थे।
पड़ोस के पायल विधानसभा से जीत बेअंत सिंह सी.एम. बने लेकिन, जिला बनाने, सीवरेज प्रोजैक्ट, लड़कों के सरकारी स्कूल, सरकारी कालेज से लेकर कई ऐसी सुविधाएं हैं, जिनका इंतजार आज भी खन्नावासियों को है। अकेले शहर की ही करीब एक तिहाई आबादी सीवरेज और वाटर सप्लाई जैसी मूल सुविधाओं से वंचित है। इसके अलावा ही कई छोटी-छोटी समस्याएं लोगों को परेशान किए हुए हैं।
1962 से लाकर 2012 तक इस सीट पर 6 बार कांग्रेस, 5 बार अकाली दल और 1 बार रिपब्लिक पार्टी आॅफ इंडिया (आर.पी.आई.) का कब्जा रहा। सरकारें आई और गई, लेकिन खन्ना के हालत नहीं सुधरी। इस सीट के अधीन खन्ना शहर के अलावा 67 गांव आते हैं। मूल रूप से शहरी माने-जाने वाली इस सीट में शहर में ही विकास दिखाई नहीं देता।
इस वक्त पूर्व सी.एम. बेअंत सिंह के पोते गुरकीरत सिंह कोटली (कांग्रेस ) यहां से विधायक हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने शिअद के रणजीत सिंह तलवंडी को 7278 वोटों से हराया था। हलके में कुल 1 लाख 56 हजार 474 वोटर हैं। कांग्रेस से गुरकीरत सिंह कोटली, शिअद से रणजीत सिंह तलवंडी फिर आमने-सामने हैं। आप से अनिल दत्त फल्ली की आमद ने मुकाबले को तिकोना बना दिया है।
सरकार बनाने को लेकर किए जा रहे ये वादे
गुरकीरत सिंह कोटली
विधायक कोटली का कहना है कि खन्ना को जिला बनाने की मांग सालों से है। सरकार बनते ही पहला काम यही करेंगे। सौ फीसदी सीवरेज और वाटर सप्लाई की सुविधा शहर को दिलाएंगे। ट्रैफिक जाम बड़ी समस्या बनी है। इसके लिए प्लान तैयार कर अमल में लाया जाएगा।
रणजीत सिंह तलवंडी
शहर को सौ फीसदी सीवरेज, वाटर सप्लाई और स्ट्रीट लाइटों की सुविधा दिलाएंगे।
इलाके को सरकारी काॅलेज की जरूरत है। अगला मकसद वही है।
शहर में पार्किंग स्पेस और पार्कों का निर्माण कराएंगे।
अनिल दत्त फल्ली
शहर में सौ फीसदी सीवरेज, वाटर सप्लाई और सड़कों - गलियों को सुविधा देंगे।
सेहत व शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाना है। सरकारी काॅलेज खुलेंगे। मोहल्ला क्लिनिक खोलेंगे।
शहर को साफ़-बना माॅडल सिटी के रूप में पेश करना है।