Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 09:54 AM
सिविल अस्पताल में डिलीवरी दौरान स्वस्थ बेटे को जन्म देने के बाद संगीता पत्नी लवदीप कुमार उर्फ लवली निवासी दशमेश नगर की हालत खराब होती देख ड्यूटी पर तैनात मैडीकल स्टाफ ने सोमवार देर रात 11 बजे के करीब महिला को अमृतसर रैफर कर दिया। अमृतसर में मंगलवार...
होशियारपुर (अमरेन्द्र): सिविल अस्पताल में डिलीवरी दौरान स्वस्थ बेटे को जन्म देने के बाद संगीता पत्नी लवदीप कुमार उर्फ लवली निवासी दशमेश नगर की हालत खराब होती देख ड्यूटी पर तैनात मैडीकल स्टाफ ने सोमवार देर रात 11 बजे के करीब महिला को अमृतसर रैफर कर दिया। अमृतसर में मंगलवार को हालत खराब होती देख डाक्टरों ने महिला की जान बचाने की खातिर पति की सहमति से बच्चेदानी का ऑपरेशन कर उसे बाहर निकाल दिया।
जैसे ही यह खबर होशियारपुर पहुंची तो परिजनों ने सिविल अस्पताल होशियारपुर के मेन गेट के सामने अपने वाहनों को खड़ा करके जाम लगाकर डाक्टरों व सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। सड़क जाम होने की सूचना मिलते ही थाना मॉडल टाऊन के एस.एच.ओ. इंस्पैक्टर नरेन्द्र कुमार पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंच आक्रोशित परिजनों को समझाने में जुट गए। करीब 1 घंटे के पश्चात डी.एस.पी.(सिटी) सुखविन्द्र सिंह के कहने पर परिजन ट्रैफिक बहाल कर अपनी शिकायत को लेकर थाना मॉडल टाऊन पहुंचे।
डाक्टरों की लापरवाही के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई
सिविल अस्पताल के मेन गेट पर पीड़ित परिवार के परिजनों ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि लवली व संगीता की शादी पिछले साल ही हुई थी। रविवार सुबह लवली अपनी पत्नी को लेकर सिविल अस्पताल आया। सायं 6 बजे बेटे को जन्म देने के बाद संगीता की तबीयत बिगडनी शुरू हो गई और शरीर पीला पडने लगा। स्टाफ को बताने के बावजूद ध्यान नहीं दिया गया। जब तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो डाक्टर ने टैस्ट करवाने के बाद रात 11 बजे कहा कि खून की मात्रा 3 ग्राम रह गई है अत: हम इसे अमृतसर रैफर कर रहे हैं।
बार-बार कहने पर स्टाफ की तरफ से उन्हें यही बताया गया कि अस्पताल में गाइनोकॉलोजिस्ट महिला डाक्टर नहीं है। परिजनों ने आरोप लगाया कि डिलीवरी के बाद से ही खून के लगातार रिसाव का सही इलाज किए बगैर एम्बुलैंस में बिना डाक्टर व नर्स के संगीता को अमृतसर रैफर कर दिया गया। उन्होंने पुलिस से अपील की कि आरोपी डाक्टरों व मैडीकल स्टाफ के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करे।
लापरवाही पड़ी भारी
पीड़िता संगीता के पति ने रोते हुए बताया कि रविवार सायं डिलीवरी के दौरान बेटा हुआ था तो हम सभी काफी खुश थे लेकिन बाद में डाक्टरों की लापरवाही ने हमें अब जिंदगी भर का गम दे दिया है। अस्पताल में स्टाफ के अलावा कोई डाक्टर नहीं था जिस वजह से उसकी पत्नी का यह हाल हुआ है।
विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी
गौरतलब है कि केन्द्र व राज्य सरकार दिन-रात गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे करती है वहीं दूसरी तरफ न सिर्फ होशियारपुर बल्कि पंजाब के अनेक जिलों व तहसील स्तरीय सरकारी अस्पतालों में महिला रोग विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी समस्या बनी हुई है। यदि बात होशियारपुर की करें तो पिछले 4 साल दौरान अधिकांश समय यहां भी महिला रोग विशेषज्ञ डाक्टरों के पद खाली रहने से महिलाओं को काफी कठिनाइयों से जूझने को मजबूर होना पड़ा है।