2 साल पहले भी लगे थे टीटा पर लवप्रीत को नशे की ओवरडोज देकर कत्ल करने के आरोप

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 07:37 AM

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गांव जहूरा में नशीले पाऊडर की ओवरडोज देकर कत्ल किए गए नौजवान गुरमंगतपाल सिंह की मौत ने गांव के एक अन्य परिवार के दर्द को ताजा कर दिया, जिनका 15 वर्षीय बेटा कुछ ऐसे ही हालातों ने निगल लिया था।

टांडा-उड़मुड़ (पंडित): गांव जहूरा में नशीले पाऊडर की ओवरडोज देकर कत्ल किए गए नौजवान गुरमंगतपाल सिंह की मौत ने गांव के एक अन्य परिवार के दर्द को ताजा कर दिया, जिनका 15 वर्षीय बेटा कुछ ऐसे ही हालातों ने निगल लिया था। जहूरा निवासी परमजीत सिंह और अमरजीत कौर के बेटे की लाश 5 जनवरी 2016 की सुबह गांव के कम्युनिटी हाल के बाथरूम से मिली थी। उसकी भी मौत नशे की ओवरडोज से हुई थी।

उस समय लवप्रीत के दादा बचित्तर सिंह ने आरोप लगाया था कि गांव के 5 नौजवानों हैप्पी, लक्की, रवि, टीटा और बग्गा ने उसके बेटे को नशे की ओवरडोज देकर कत्ल किया है जिसके बाद टांडा पुलिस ने उक्त आरोपियों के खिलाफ कत्ल का मामला दर्ज किया था परन्तु बाद में जांच में पुलिस ने मैडीकल रिपोर्ट के आधार पर मामले को खारिज कर दिया था। अब 2 साल बाद गांव में नशे की ओवरडोज ने उस नौजवान को निगला है, जो इस दलदल से निकल चुका था। गांव के एक और चिराग को बुझाने वाले लोगों में से एक आरोपी टीटा वही है जिसके खिलाफ लवप्रीत को भी नशे की ओवरडोज देकर मारने का आरोप था।

टीटा और उसका भाई बग्गा पहले खारिज हुए मामले में भी नामजद थे। 2 साल पहले अपना लख्त-ए-जिगर खोने वाली मां अमरजीत कौर और पिता परमजीत सिंह ने नम आंखों से बेटे को याद करते हुए कहा कि जिन लोगों ने उनकी दुनिया उजाड़ी थी, अगर पुलिस ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की होती तो नशे की आग फैलने से रुक सकती थी।लवप्रीत के माता-पिता ने इस बात का मलाल जताया कि उन्हें पुलिस की ओर से इंसाफ नहीं मिला। उनके बेटे को मौत के मुंह में धकेलने वाले खिलाफ दर्ज कत्ल के मामले को खारिज करना पुलिस की कारगुजारी पर शक उठाता है।

गुरमंगतपाल के परिजनों की आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग
5 बहनों के इकलौते भाई गुरमंगतपाल का आज सैंकड़ों नम आंखों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। गोद में 8 महीने की बेटी लेकर बैठी गुरमंगतपाल की पत्नी तलविन्द्र कौर और बहनों मंजीत कौर, हरमिन्द्र कौर, बलविन्द्र कौर, अमरजीत कौर ने बिलखते हुए कहा कि उनका घर उजाडऩे वालों को सख्त सजा मिले ताकि वे किसी और के घर को आग न लगा सकें। उन्होंने कहा कि शादी के पहले से ही गुरमंगतपाल नशे की दलदल से निकल कर पैट्रोल पम्प में काम कर रहा था परन्तु उसे जबरदस्ती नशे का जहर पिला मौत के घाट उतार दिया गया।

क्या कहते हैं लोग
इलाके के कई गांवों में अब भी नशीले पाऊडर और अन्य नशों का धंधा चल रहा है। पुलिस ने पिछले साल एन.डी.पी.एस. एक्ट के लगभग 43 और इस साल अभी तक 4 मामले दर्ज जरूर किए हैं, इसके बावजूद पुलिस अनेक गांवों और नगर में नशे की सप्लाई लाइन काटने में विफल रही है। इसके नैटवर्क को तोडऩे के लिए कोई संजीदा प्रयास नहीं हो रहा जिसके चलते टांडा के कई गांवों में नशा अब भी बिक रहा है।

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