Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 12:08 PM
हालांकि सरकार द्वारा राज्य भर के सिविल अस्पतालों में 226 दवाइयां मरीजों को नि:शुल्क मुहैया करवाने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन हैरानी की बात है कि जिला मुख्यालय पर स्थित सिविल अस्पताल में पिछले करीब डेढ़ माह से एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं। ये...
होशियारपुर (जैन): हालांकि सरकार द्वारा राज्य भर के सिविल अस्पतालों में 226 दवाइयां मरीजों को नि:शुल्क मुहैया करवाने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन हैरानी की बात है कि जिला मुख्यालय पर स्थित सिविल अस्पताल में पिछले करीब डेढ़ माह से एंटी रैबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं। ये टीके किसी व्यक्ति को कुत्ते द्वारा काटे जाने पर लगाए जाते हैं तथा सरकारी अस्पताल में इसका इलाज नि:शुल्क होता है।
गरीबों के लिए बनी आफत
आवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने का शिकार अधिकतर गरीब जमात ही होती है क्योंकि गरीब लोग ज्यादातर पैदल अथवा साइकिलों पर सफर करते हैं। ऐसे हालात में सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों का अक्सर शिकार बन जाते हैं। गरीब आदमी के लिए कुत्ते द्वारा काटे जाने की स्थिति में सिविल अस्पताल ही एक ऐसा सहारा होता है जहां उसे नि:शुल्क इलाज उपलब्ध होता है लेकिन अब सिविल अस्पताल में ये टीके उपलब्ध न होने के कारण गरीब लोगों पर आफत आन बनी है।
आवारा कुत्तों को मारने पर है पाबंदी
केंद्र सरकार द्वारा आवारा कुत्तों अथवा अन्य जानवरों को मारने पर पाबंदी होने के कारण इनकी तादाद दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। खासकर ग्रामीण इलाकों में झुंडों की शक्ल में घूमने वाले आवारा कुत्ते लोगों पर हमला कर नोच खाते हैं। आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने के लिए सरकार के पास कोई योजना न होने के कारण भी लोग आए दिन इनका कोपभाजन बन रहे हैं।
जनऔषधि में भी उपलब्ध नहीं वैक्सीन
जिला रैडक्रॉस सोसायटी द्वारा गरीब मरीजों के सहायतार्थ सिविल अस्पताल में जनऔषधि केंद्र चलाया जा रहा है। यहां एंटी रैबीज वैक्सीन बाजार से सस्ते दाम पर करीब 240 रुपए में उपलब्ध करवाए जाते हैं लेकिन किसी वजह से आजकल जनऔषधि में भी यह वैक्सीन आऊट ऑफ स्टॉक है।
गरीब आदमी पर पड़ रहा है 2 हजार का बोझ
आम मार्कीट में विभिन्न दवा कंपनियों का एंटी रैबीज वैक्सीन 325 से 350 रुपए तक उपलब्ध है। विशेषज्ञों का कहना है कि मरीज को किसी भी कुत्ते द्वारा काटे जाने की सीरियसनैस के मुताबिक ही उसे 3 से 5 तक टीके लगाए जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कुत्ते ने गहराई से काट खाया हो तो निश्चित तौर पर उसे अगर बाजार से टीके लगाने पड़े तो 5 टीकों की 1750 रुपए की कीमत के अलावा डाक्टरी खर्च के साथ 2 हजार से अधिक का बोझ पड़ रहा है।