Edited By Updated: 26 Sep, 2016 01:05 PM
वर्ष 1954-55 में 120 क्यूसिक पानी डिस्चार्ज करने के लिए सतलुज व ब्यास दरिया के बीच चार जिलों होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला व शहीद भगत सिंह नगर में सिंचाई हेतु बिस्त दोआब नहर पर करोड़ों रुपए की राशि खर्च किए जाने के बावजूद यह गत 62 वर्षो से खस्ता हालत...
होशियारपुर : वर्ष 1954-55 में 120 क्यूसिक पानी डिस्चार्ज करने के लिए सतलुज व ब्यास दरिया के बीच चार जिलों होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला व शहीद भगत सिंह नगर में सिंचाई हेतु बिस्त दोआब नहर पर करोड़ों रुपए की राशि खर्च किए जाने के बावजूद यह गत 62 वर्षो से खस्ता हालत में है। गढ़शंकर से आदमपुर तक नहर के एक तरफ बनाई गई सड़क सुरक्षा नियमों की पूरी तरह से उपेक्षा करके बनाई गई है। नहर के सेफ्टी किनारे न होने के कारण यहां हर रोज कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है।
नहर के पुलों पर लोहे के सेफ्टी जंगले हुए नदारद लेबर पार्टी भारत के प्रधान जय गोपाल धीमान व इलाका निवासियों रोशन लाल खैरड़, जसविन्द्र कुमार, लखविन्द्र कुमार आदि ने बताया कि नहर के ऊपर बने पुलों के ऊपर लोहे के सेफ्टी जंगले लगे हुए थे जोकि बहुत से स्थानों से चोरी कर लिए गए व कुछ स्थानों से टूट गए।
नहर के किनारों पर 10-10 फुट ऊंचे सरकंडे उगे हुए हैं। रास्ता दर्शाने वाली बुर्जयिां भी इन सरकंडों के बीच छुप गई हैं। नवीनीकरण का काम धीमी गति से चल रहा है पता चला है कि बिस्त दोआब नहर के नवीनीकरण पर 270 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है लेकिन इसकी गति काफी धीमी है। इस संबंध में सिंचाई विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ मिला।