पंछी कालोनी में आने-जाने के लिए नहीं है कोई रास्ता

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 09:55 AM

there is no way of the panchi colony

हर सरकार दावा करती है कि वह लोगों की भलाई के लिए काम कर रही है, हर सरकार यह भी दावा करती है कि उसने गांवों-डेरों को सड़क से जोड़ दिया है परंतु हैरानी है कि गुरदासपुर नगर कौंसिल के वार्ड नंबर-2 की एक विशेष पंछी कालोनी के लोगों को शहर से कालोनी में...

गुरदासपुर(विनोद, दीपक): हर सरकार दावा करती है कि वह लोगों की भलाई के लिए काम कर रही है, हर सरकार यह भी दावा करती है कि उसने गांवों-डेरों को सड़क से जोड़ दिया है परंतु हैरानी है कि गुरदासपुर नगर कौंसिल के वार्ड नंबर-2 की एक विशेष पंछी कालोनी के लोगों को शहर से कालोनी में जाने के लिए बीते 28 वर्ष से रास्ता भी नहीं मिला है। जहां तक इस कालोनी का संबंध है इस कालोनी में रहने वाले लगभग 100 परिवार जिन हालात में रहते हैं उससे लगता है कि वह भारत या पंजाब जैसे खुशहाल राज्य का हिस्सा नहीं बल्कि पाकिस्तान या देश के किसी बहुत ही पिछड़े इलाके की कालोनी में रह रहे हैं।

चरन सिंह पंछी द्वारा जमीन बेचने के कारण कहा जाता है इसे पंछी कालोनी 
एग्रीकल्चर यूनिवॢसटी के रिजनल सैंटर तथा रेलवे लाइन के बीच बसी यह कालोनी नगर कौंसिल गुरदासपुर के वार्ड नंबर-2 का हिस्सा है। सूत्रों के अनुसार वर्ष 1990 में एक व्यक्ति चरन सिंह पंछी निवासी गुरदासपुर ने अपनी जमीन लोगों को बेची थी। जब भी कोई चुनाव आता है तो इस कालोनी को रास्ता दिलाने सहित हर सुविधा दिए जाने के वायदे सभी राजनीतिक दलों के नेता करते हैं, परन्तु चुनाव समाप्त होते ही इस कालोनी को भुला दिया जाता है। लोग अपने आप को ठगा गया पाते हैं। चरन सिंह पंछी द्वारा जमीन बेचने के कारण इसे शुरू से ही पंछी कालोनी कहा जाता है।

क्या हैं कालोनी की समस्याएं
इस कालोनी में रहने वाले ब्रिज मोहन,मुनीश शर्मा,नरेन्द्र शर्मा,दिलबाग सिंह,रमन वर्मा,मनिन्द्र सिंह,तरसेम आदि ने बताया कि पता नहीं क्यों नगर कौंसिल तथा सरकार हमें इस देश का हिस्सा नहीं मानतीं। चुनाव के समय तो हमारी कालोनी में आकर हर नेता चुनाव के बाद उनकी कालोनी को रास्ता दिलाने सहित सीवरेज, वाटर सप्लाई, गलियां, नालियां आदि बना कर देने का वायदा करता है। हम लोग बीते 28 सालों से इन के लिए संघर्ष कर रहे हैं तथा हमें आज तक सफलता नहीं मिली। हम नगर कौंसिल के अधीन आते हैं। इस पंछी कालोनी की किस्मत कब बदलेगी तथा हम समस्याओं से मुक्ति कब पाएंगे, इसका कुछ पता नहीं चल रहा है। 

रेलवे लाइन के साथ लगती रेल विभाग की भूमि के रास्ते ही कालोनी में आते-जाते हैं  लोग
इस पंछी कालोनी तक  जाने का कोई रास्ता न होने के कारण अभी तक इस कालोनी में रहने वाले लोग रेलवे लाइन के साथ लगती रेल विभाग की भूमि के रास्ते ही कालोनी में आते-जाते हैं। कई बार रेल विभाग वाले इस रास्ते को बंद कर देते हैं या रास्ते में गड्ढे खोद देते हैं। कई बार तो रेल विभाग इस कालोनी के रास्ते में प्रवेश करने वाले मोड़ रेलवे फाटक के पास गार्डर लगा कर रास्ता बंद कर देते हैं जिस कारण उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

रेलवे लाइन के साथ-साथ केवल दोपहिया वाहन ही चल सकते हैं। कार आदि से कालोनी तक पहुंचना संभव नहीं है। कालोनी तक एक रास्ता रेलवे लाइन के नीचे से निकल कर जाने के लिए भी है जो बरसाती पानी के निकास के लिए है। यह रास्ता भी मात्र 4 फुट ऊंचा है तथा उसके नीचे से निकल कर जाना कठिन भी है। इस रास्ते से कालोनी से गुरदासपुर शहर आने के लिए लगभग 5 कि.मी. का रास्ता अतिरिक्त तय करना पड़ता है।  

कालोनी की समस्याएं
इस कालोनी में वाटर सप्लाई की पाइप तो डाली जा चुकी है परंतु किसी भी वाटर सप्लाई लाइन से इसे जोड़ा नहीं गया है, क्योंकि रेलवे लाइन के नीचे से पाइप निकालने की रेल मंत्रालय अनुमति नहीं देता है। इसी तरह सीवरेज की सुविधा उपलब्ध नहीं है क्योंकि सीवरेज के पानी के निकास के लिए कनैक्शन कहां जोड़ा जाए यह एक जटिल समस्या है। स्ट्रीट लाइट लगी हुई है, परंतु नगर कौंसिल द्वारा बिजली बिल अदा न करने के कारण सारे शहर की स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है। यह इलाका रात में अंधेरे मे डूबा रहता है। गलियां-नालियां बनी हुई हैं, परंतु गंदे पानी का निकास न होने के कारण पानी गलियों में ही फैला रहता है।  

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