बादल के वफा न हुए वायदे, अब कैप्टन से लगी है आस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Feb, 2018 12:40 PM

people hope for captain government

पंजाब-हिमाचल व जम्मू कश्मीर की सीमाओं की पहाडिय़ों के मध्य रावी नदी पर बनाए गए रणजीत सागर बांध एवं बांध हेतु विशाल झील के निर्माण के लिए 1 मई 1986 से पहले किसानों की 3500 एकड़ भूमि डैम प्रोजैक्ट में एक्वायर की गई थी।

पठानकोट(कंवल, आदित्य): पंजाब-हिमाचल व जम्मू कश्मीर की सीमाओं की पहाडिय़ों के मध्य रावी नदी पर बनाए गए रणजीत सागर बांध एवं बांध हेतु विशाल झील के निर्माण के लिए 1 मई 1986 से पहले किसानों की 3500 एकड़ भूमि डैम प्रोजैक्ट में एक्वायर की गई थी।

इसके पश्चात अभी तक 8500 एकड़ भूमि डैम प्रोजैक्ट ने किसानों से ले ली, जिसके लिए योग्य मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को डैम प्रोजैक्ट में स्थायी नौकरी देने की घोषणा की गई थी, मगर 1 मई 1986 के बाद एक्वायर भूमि के विस्थापित परिवार सदस्य नौकरी की आज भी प्रतिक्षा कर रहे हैं।इन पर कट ऑफ डेट का दानव खड़ा कर दिया गया है, जिसे तुड़वाने के लिए विभिन्न संगठन संघर्ष कर रहे हैं। वहीं डैम विस्थापित परिवारों से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने जो वायदे किए थे वे वफा नहीं हुए, वहीं अब लोगों को कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से आस लगी हुई है।  

इस संबंधी रणजीत सागर बांध बनाने के समय उजाड़े गए परिवारों ने बताया कि डैम विस्थापितों को नौकरी के लिए परेशान किया जा रहा है तथा वे हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कट ऑफ डेट रखकर भूमि देने वालों से नाइंसाफी की जा रही है, जबकि देश के अन्य किसी भी प्रोजैक्ट में भूमि देने वालों को नौकरी हेतु कोई कट ऑफ डेट जैसी रुकावट नहीं है, तो फिर यहां क्यों रखी गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कट ऑफ डेट रद्द करने का किया था वायदा
चेयरमैन रणजीत सागर डैम औसती संघर्ष कमेटी प्रेम सागर शर्मा ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब प्रकाश सिंह बादल 15 अक्तूबर 2012 को हलका विधायक व पूर्व डिप्टी स्पीकर दिनेश सिंह बब्बू के नेतृत्व में आयोजित सुजानपुर स्थित रैली में पहुंचे थे, तब उन्होंने मंत्री व अन्य नेताओं की उपस्थिति में डैम औसती संघर्ष कमेटी से वायदा किया था कि कट ऑफ डेट खत्म की जाएगी तथा रणजीत सागर डैम के लिए किसानों की भूमि 1986 से पहले ली गई हो या 1990, 96 या 98 में ली गई हो, उस पर बिना कट ऑफ डेट के सभी सुविधाएं व सरकारी नौकरी मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में डैम प्रशासन के चीफ कार्यालय द्वारा पत्र नं. 4917, 12 दिसम्बर 2012 को फाइल पंजाब सरकार को 1 मई 1986 की कट ऑफ डेट तोडने हेतु भेजी गई थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री के वायदे के बाद आज तक कोई कार्रवाई कहीं भी दिखाई नहीं दी।

सर्वेश कौशल भी अपना वायदा भूले 
कंडी विकास मोर्चा के जिला महासचिव ओम प्रकाश मग्घर सिंह ने बताया कि 8 जनवरी 2014 को उस समय के सिंचाई विभाग पंजाब के सचिव सर्वेश कौशल ने रणजीत सागर डैम पर पहुंच कर समूह संगठनों की विशेष तौर पर बैठक बुलाई थी। जिसमें संगठनों के अलावा जिलाधीश सिब्बन सी. एस.डी.एम. धारकलां, विधायक दिनेश सिंह बब्बू, चेयरमैन केन्द्रीय बाल विकास स्वर्ण सलारिया सहित अन्य कई नेता व अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में सचिव ने कहा था कि एक माह में कट ऑफ डेट को रद्द करेंगे, परन्तु वह भी अपना वायदा भूल गए। 

पन्नू ने भी किया था वायदा
 सिंचाई विभाग पंजाब के सचिव सर्वेश कौशल के पश्चात नियुक्त हुए सचिव काहन सिंह पन्नू के समक्ष उक्त सारा मामला रणजीत सागर डैम के विस्थापित परिवारों के लिए संघर्ष करते समूह संगठनों ने रख कर कट ऑफ डेट को खत्म करने की मांग की थी, जिस पर पन्नू ने इसे खुद के बस से बाहर बताते हुए सरकार समक्ष तुरंत हल के लिए मामला रखने का वायदा किया था। उक्त नेताओं ने राज्य की कैप्टन सरकार व केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह निजी हस्तक्षेप कर डैम औसती परिवारों की तरफ ध्यान दें, क्योंकि साथ ही बनाए जा रहे शाहपुरकंडी बैराज हेतु भूमि एक्वायर पर कोई कट ऑफ डेट नहीं रखी गई, फिर औसती परिवारों से नाइंसाफी क्यों की जा रही है।

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