Edited By Updated: 02 Jan, 2016 03:05 PM
पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हमले से पंजाब की सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंता पैदा होती है
नई दिल्ली/पठानकोट : पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हमले से पंजाब की सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंता पैदा होती है क्योंकि करीब 20 साल की शांति के बाद राज्य में इस तरह की घटनाओं में अचानक वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की लाहौर यात्रा के बाद हुई इस घटना पर पार्टी ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या वह पड़ोसी देश के अपने समकक्ष के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, पंजाब में दो आतंकवादी हमले क्यों हुए, जबकि इस राज्य में पिछले 20 वर्षों में किसी तरह की आतंकवादी गतिविधियां नहीं हुईं। यहां तक कि उधमपुर (कश्मीर) में जो तीसरा हमला हुआ था वह भी पंजाब और जम्मू-कश्मीर सीमा के नजदीक हुआ था। उन्होंने कहा, पंजाब में पहला हमला गुरदासपुर के दीनानगर में हुआ था और अब पठानकोट में, जहां हमारा अग्रिम सुरक्षा प्रतिष्ठान है। उन्होंने कहा कि ये हमले इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए मोदी सरकार की रणनीति पर सवाल खड़े करते हैं।
सुरजेवाला ने कहा, क्या प्रधानमंत्री पाकिस्तान के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे । पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को नियंत्रित करने और रोकने के लिए सरकार की क्या योजना है। प्रधानमंत्री को इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोलने की जरूरत है। पंजाब अचानक से क्यों इस तरह की गतिविधियों का बड़ा केंद्र बन गया है।
पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के संदिग्ध आतंकवादियों ने आज पंजाब के पठानकोट में एक वायु सेना स्टेशन पर हमला कर दिया जिसमें वायु सेना के 3 जवान शहीद हो गए। वहीं पांच घंटे तक चले अभियान के दौरान चार हमलावर मारे गए। प्रधानमंत्री की लाहौर यात्रा के एक सप्ताह बाद यह हमला हुआ है।
इस बीच, भाजपा ने कहा है कि स्थिति से निपटने के लिए भारत अपनी तरफ से हरसंभव कोशिश जारी रखेगा। भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, जाहिर तौर पर आतंकवाद का खतरा है, जिससे लंबे समय से भारत पीड़ित रहा है। स्थिति से निपटने और इस तरह की ताकतों को परास्त करने के लिए हम अपनी ओर से हरसंभव कोशिश करते रहेंगे।