Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 10:39 AM
जैसे-जैसे गर्मी का मौसम नजदीक आ रहा है उसके साथ ही जिला गुरदासपुर में से गुज्जर समुदाय के लोगों के वापस जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश जाने के साथ ही दूध का उत्पादन कम होना स्वाभाविक है परंतु हैरानी की बात यह है कि दूध का उत्पादन आधे से भी कम हो जाने...
गुरदासपुर (विनोद): जैसे-जैसे गर्मी का मौसम नजदीक आ रहा है उसके साथ ही जिला गुरदासपुर में से गुज्जर समुदाय के लोगों के वापस जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश जाने के साथ ही दूध का उत्पादन कम होना स्वाभाविक है परंतु हैरानी की बात यह है कि दूध का उत्पादन आधे से भी कम हो जाने के बावजूद दूध व दूध से बने उत्पादों की सप्लाई पहले की तरह बनी रहती है।
सभी जानते हैं कि गुज्जरों के चले जाने के कारण दूध का उत्पादन बहुत कम हो जाता है तथा सभी हैरान हैं कि दूध की कमी के बावजूद इस कमी को कैसे पूरा किया जा रहा है। सेहत विभाग इस संबंधी चुप्पी क्यों धारण किए हुए है जबकि यह धंधा गत कई सालों से बिना रोक-टोक के चलता आ रहा है। इसी तरह सर्दी का मौसम समाप्त होने के साथ ही शहर में कई तरह का दूध मिलना शुरू हो जाता है।
रेहड़ी वाले इस दूध को कई तरह के नाम देकर बेचते हैं। जबकि सभी जानते हैं कि इन दूध बेचने वाले रेहड़ी चालकों के पास एक भी पशु नहीं है। ये सिंथैटिक दूध जो यूरिया खाद से तैयार किया जाता है पीने में तो स्वादिष्ट जरूर होता है परंतु किसी जहर से कम नहीं है और स्कूलों व अन्य शिक्षा संस्थाओं के बाहर ये रेहडिय़ां आम खड़ी दिखाई देती हैं। सुबह दूध से क्रीम निकालने वाली डेयरी पर उन लोगों की लाइने लगी दिखाई देती हैं जो घरों में जाकर दूध सप्लाई करते हैं। यह क्रीम निकाला दूध 35 से 40 रुपए प्रति लीटर बेचा जाता है।
सरकार की नीति को सेहत विभाग ने किया असफल
दूसरी ओर पंजाब सरकार ने इस समस्या का हल निकालने के लिए सभी दूध बेचने वालों के कार्ड बनाने की एक योजना लगभग 10 साल पहले तैयार की थी जिस अधीन हर व्यक्ति जो दूध बेचने का काम करता है उसका पंजीकरण कर उसे कार्ड बना कर दिया जाएगा। जिस व्यक्ति के पास यह कार्ड होगा वही व्यक्ति दुकानों व घरों में जाकर दूध बेच सकेगा।राज्य सरकार का इस योजना के पीछे मुख्य लक्ष्य यह था कि जब भी दूध बेचने वालों का सैंपल भरा जाता है तो वह अपना गलत नाम व पता लिखा देते हैं जिस कारण अदालतों में ये केस नहीं चल पाते परंतु 10 साल बीत जाने के बावजूद यह योजना पंजाब सरकार लागू नहीं कर सकी। आज तक सेहत विभाग एक भी कार्ड नहीं बना सका है। यही कारण है कि आज भी घटिया क्वालिटी का दूध बाजार व घरों में बिक रहा है।
दूध बेचने वालों के पंजीकरण संबंधी चलाया जाएगा विशेष अभियान : जिला सेहत अधिकारी
इस संबंधी जब जिला सेहत अधिकारी डा. सुधीर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह ठीक है कि लगभग 10 साल पहले केन्द्र सरकार ने पूरे देश के लोगों को दूध सहित अन्य खाने-पीने वाली चीजों को बेचने वालों का पंजीकरण करने का आदेश दिया था। दुकानदारों द्वारा तो अपना पंजीकरण करवाया जा रहा है तथा आगे भी करवाया जाएगा परंतु रेहड़ी वालों व साइकिलों व मोटरसाइकिलों पर दूध बेचने वाले अपना पंजीकरण नहीं करवाते हैं। हमने कई बार इन लोगों को पंजीकरण करने की कोशिश भी की थी परंतु सफलता नहीं मिली।
ये लोग अपना गलत नाम आदि लिखवा देते हैं जिस कारण जिला गुरदासपुर में इन दूध बेचने वालों का पंजीकरण नहीं हो पाया है।उन्होंने कहा कि कुछ रोज पहले सेहत विभाग की पंजाब स्तर पर सभी जिलों के सेहत अधिकारियों की मीटिंग में यह मसला उठा था। उच्चाधिकारियों ने आदेश दिया है कि हर हालत में इन दूध बेचने वालों का पंजीकरण किया जाए। इस काम के लिए पुलिस की मदद भी लेनी पड़ी तो ली जाएगी। जल्दी ही इस संबंधी विशेष अभियान चलाया जाएगा।