Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 05:12 PM
पूर्व अकाली नेता मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के राजनीतिक जीवन को तहस नहस करने वाली महिला के 28 फरवरी को अपने ब्यान के मुकरने के बाद आज फिर सुच्चा सिंह लंगाह बलात्कार केस संबंधी पुलिस ने तीन गवाहों को अदालत में पेश किया जो सिटी पुलिस ने लंगाह के विरूद्व...
गुरदासपुर (विनोद): पूर्व अकाली नेता मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के राजनीतिक जीवन को तहस नहस करने वाली महिला के 28 फरवरी को अपने ब्यान के मुकरने के बाद आज फिर सुच्चा सिंह लंगाह बलात्कार केस संबंधी पुलिस ने तीन गवाहों को अदालत में पेश किया जो सिटी पुलिस ने लंगाह के विरूद्व बनाए केस मे दर्ज कर रखे थे। अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश गुरदासपुर प्रेम कुमार की अदालत में पुलिस ने जो तीन गवाहों के ब्यान दर्ज करवाए उनमें एक सहायक पुलिस इन्सपैक्टर जसविन्द्र सिंह,सिवल अस्पताल की महिला डा.चेतना तथा गांव लंगाह जटटां के सहकारी बैंक के मैनेजर अजय कुमार शामिल थे। इन तीनों गवाहों के ब्यान बंद अदालत में हुए तथा किसी को अदालत के पास तक नहीं आने दिया गया।
लंगाह को पुलिस पटियाला जेल से लगभग 1 बजे लेकर गुरदासपुर पंहुची तथा अदालत पंहुचने पर गहाहों के ब्यान सरकारी वकील ने करवाए। प्रथम गवाही सहायक सब इंस्पैक्टर जसविन्द्र सिंह की हुई जो डीएसपी स्पैशल ब्रांच के रीडर है। उन्होंने अपनी गवाही में वही ब्यान दर्ज करवाया जो इस केस से संबंधित मिसल में लिखा था। उसके बाद गांव लंगाह जटटां के सहकारी बैंक मैनेजर अजय कुमार का ब्यान दर्ज करवाया जिसने इस बात की पुष्टि की कि जिस महिला के ब्यान के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया था उसने बैंक में खाता खुलवाया था।
अंतिम गवाही से मुकरने वाली महिला हरिन्द्र कौर निवासी सोहल का मैड़ीकल करने वाली डा.चेतना का था। उसने अपने ब्यान में महिला का मैड़ीकल करने की पुष्टि की तथा मैड़ीकल संबंधी सिविल अस्पताल का रिकार्ड भी अदालत में पेश किया। जब यह गवाह बयान अदालत में कलमबद्व करवा रहे थे तब सुच्चा सिंह लंगाह भी अदालत में उपस्थित थे। पुलिस ने अदालत में सख्त सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी।
जानकारी के अनुसार विजिलैंस विभाग पठानकोट में तैनात विधवा महिला हरिन्द्र कौर निवासी गांव सोहल 28 सितम्बर 2017 को जिला पुलिस अधीक्षक गुरदासपुर को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया था कि पूर्व मंत्री व अकाली नेता सुच्चा सिंह लंगाह के वह सम्पर्क मेम उस समय वर्ष 2009 में आई थी जब उसके पति जो पुलिस कर्मचारी था का देहांत हो गया था।
पुलिस अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच का काम डी.एस.पी.आजाद दविन्द्र सिंह तथा इन्सपैक्टर सीमा देवी को सौंपी गई तथा इन दोनों की जांच रिपर्ट मिलने के बाद कानूनी राए लेने के बाद सुच्चा सिंह लंगाह के विरूद्व धारा 376,384,420 तथा 506 अधीन सिटी पुलिस स्टेशन गुरदासपुर के एफ.आई.आर.नंबर 168 तिथि 29-9-2017 दर्ज की गई थी। तब शिकायतकर्ता महिला का सिवल अस्पताल से मैड़ीकल करवाया गया था तथा शिकायतकर्ता की मांग पर उसे सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई थी परंतु 28 फरवरी को उक्त हरिन्द्र कौर की गवाही अदालत में हुई थी तथा हरिन्द्र कौर ने तब अदालत में सुच्चा सिंह लंगाह को पहचानने से भी इंकार कर दिया था तथा उल्टा पुलिस पर ही आरोप लगा दिए थे कि 29 सितम्बर 2017 को जो केस सुच्चा सिंह लंगाह के विरूद्व दर्ज किया गया है उस संबंधी पुलिस ने उससे सफेद कागजों पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाए थे तथा जो भी ब्यान दर्ज किए गए थे वह जबरदस्ती लिए गए थे। इसी तरह जो सी.डी.दुष्कर्म संबंधी वायरल हुई है तथा पुलिस ने जो केस मे शामिल की है,उस मे वह नहीं है तथा बनी सी.डी.संबंधी उसे कौई जानकारी नही है। सुच्चा सिंह लंगाह ने उससे किसी तरह की जर्बदस्ती नही की।