Edited By Updated: 15 Feb, 2016 02:09 AM
आज वैलेंटाइन-डे पर कुछ को तो फूल मिले, जबकि अधिकतर नौजवानों को धूल से ही गुजारा करना पड़ा...
गुरदासपुर(विनोद): आज वैलेंटाइन-डे पर कुछ को तो फूल मिले, जबकि अधिकतर नौजवानों को धूल से ही गुजारा करना पड़ा। शिक्षा संस्थाओं के बाहर लड़के हाथों मे फूल लिए खड़े देखे गए परंतु अधिकतर नौजवानों के फूल काम नहीं आए। इसी तरह सड़कों पर भी कुछ हुल्लड़बाजों ने लड़कियों को जबरदस्ती फूल देने की कोशिश की। इस तरह के नौजवानों को भी कोई
विशेष सफलता नहीं मिली। इसी तरह कुछ लड़कियों को भी लड़कों को मूर्ख बनाते देखा गया परंतु ऐसी लड़कियों की संख्या बहुत अधिक नहीं थी। वैलेंटाइन-डे कार्ड बेचने वाली दुकानों पर भी आज भारी भीड़ देखने को मिली। कुछ नौजवान तो इन्हीं दुकानों पर ही यह कार्ड एक-दूसरे से बदलते देखे गए।
वैलेंटाइन-डे संबंधी कार्ड बेचने वाली दुकानों के मालिकों के अनुसार इस बार मोबाइल के प्रचलन तथा मोबाइल पर संदेश भेजने के प्रचलन के कारण बीते सालों की उपेक्षा कार्ड की बिक्री कम रही परंतु फिर भी कार्ड बिक्री संतोषजनक रही।
दूसरी ओर वैलेंटाइन-डे संबंधी अध्यापकों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि आज के नौजवान वर्ग ने इस दिवस का मतलब ही बदल दिया है। यह दिवस सभी को आपस में प्रेम भावना बनाए रखने का संदेश देता है परंतु आज का नौजवान इसे अपने ही ढंग से मनाता है।
अभिभावकों को चाहिए कि वे इस दिवस पर अपने बच्चों को सही संस्कार दें तथा उन्हें आपसी भाईचारा मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करें। अध्यापक वर्ग को भी इस संबंधी अपनी बनती भूमिका निभानी चाहिए। आज रविवार के दिन शिक्षा संस्थाएं बंद होने के कारण शिक्षा संस्थाओं के बाहर हुल्लड़बाजों की कमी रही।