Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 10:08 AM
करोड़ों रुपए की लागत से बने सर्किट हाऊस का स्वयं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने वर्ष 2003 में उद्घाटन किया था, जिसका आज तक सॢकट हाऊस के रूप में प्रयोग नहीं किया गया है। बिना किसी सफाई कर्मचारी व चौकीदार के यह सर्किट हाऊस तथा कर्मचारियों के लिए...
गुरदासपुर (विनोद): करोड़ों रुपए की लागत से बने सर्किट हाऊस का स्वयं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने वर्ष 2003 में उद्घाटन किया था, जिसका आज तक सर्किट हाऊस के रूप में प्रयोग नहीं किया गया है। बिना किसी सफाई कर्मचारी व चौकीदार के यह सर्किट हाऊस तथा कर्मचारियों के लिए बनाए रिहायशी क्वार्टर भी खंडहर का रूप धारण कर चुके हैं।
क्या इतिहास है सर्किट हाऊस का
गुरदासपुर में पहले लोक निर्माण विभाग का सर्किट हाऊस था। जो अंग्रेजों के समय का बना हुआ है परंतु लोक निर्माण विभाग के सर्किट हाऊस में कमरों की क्षमता बहुत कम होने के कारण वर्ष 2001 में गुरदासपुर में सर्किट हाऊस बनाने की योजना तैयार की गई। इस सर्किट हाऊस के लिए जिला पुलिस अधीक्षक रिहायश के साथ वाली इमारत को चुना गया तथा इस सर्किट हाऊस को चलाने के लिए तैनात कर्मचारियों के लिए 16 रिहायशी डुप्लैक्स का निर्माण किया गया। कहा जाता है कि दोनों ही चीजों पर तब लगभग 3 करोड़ रुपए खर्च किए गए था।
कभी भी इस सर्किट हाऊस का प्रयोग सर्किट हाऊस के रूप में नहीं हुआ
शुरू-शुरू में तो इस सर्किट हाऊस में कुक, चौकीदार, माली, सफाई कर्मचारी सहित कुछ अन्य स्टाफ तैनात किया गया था परंतु कुछ समय बाद ही इस सर्किट हाऊस का सारा स्टाफ यहां से हटा कर वापस भेज दिया गया। लोक निर्माण विभाग ने इस सर्किट हाऊस का निर्माण पूरा कर इसे मेहमानदारी विभाग (हॉस्पिटैलिटी) पंजाब को सौंप दिया था। उसके बाद सारी जिम्मेदारी इस विभाग के पास चली गई। इस विभाग ने बिजली बोर्ड को बनती राशि देकर बिजली सप्लाई शुरू करवा ली परंतु इस सर्किट हाऊस के उद्घाटन के कुछ समय बाद ही इस सर्किट हाऊस में चौकीदार को छोड़ कर अन्य सभी कर्मचारियों को हटा दिया गया जिस कारण यह सर्किट हाऊस केवल एक चौकीदार के दम पर ही चलता रहा। बिजली सप्लाई का बिल न अदा करने के कारण इसकी बिजली सप्लाई फिर काट दी गई जिस कारण यह सर्किट हाऊस फिर अंधेरे में डूब गया।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने किया था उद्घाटन
वर्ष 2003 में 21 अगस्त 2003 को उस समय के तथा वर्तमान मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने इस सर्किट हाऊस का उद्घाटन किया था। जब उद्घाटन किया गया था तो उस समय के लोक निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री तथा वर्तमान में राज्यसभा मैंबर प्रताप सिंह बाजवा, कैबीनट मंत्री तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा, पूर्व मंत्री स्वर्गीय खुशहाल बहल तथा रघुनाथ सहायपुरी भी मुख्यमंत्री के साथ थे। सभी ने तब समारोह में गुरदासपुर में बने सर्किट हाऊस को पंजाब का सबसे बेहतर सर्किट हाऊस घोषित किया था। यदि देखा जाए तो यह ठीक है कि यह सर्किट हाऊस तब पंजाब का सबसे बेहतर सॢकट हाऊस था।
सर्किट हाऊस में कर्मचारियों को तैनात करना या न करना हमारे विभाग का काम नहीं : एस.डी.ओ.
गुरदासपुर सर्किट हाऊस की शुरू से लेकर अब तक हो रही अपेक्षा संबंधी जब लोक निर्माण विभाग के एस.डी.ओ. हरजिन्द्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे विभाग का काम इस सर्किट हाऊस तथा डुप्लैक्सों का निर्माण करना था। निर्माण पूरा होने के बाद इसे मेहमानदारी विभाग को सौंप दिया था। वर्ष 2003 से ही सर्किट हाऊस का चार्ज इसी विभाग के पास है। इस समय सर्किट हाऊस में कर्मचारियों को तैनात करना या न करना हमारे विभाग का काम नहीं है। पता चला है कि इस सर्किट हाऊस के सुधार संबंधी योजना बनाई जा रही है तथा यदि योजना को मंजूरी मिलेगी तथा फंड उपलब्ध होगा तो निश्चित रूप में इसका सुधार होगा।