Edited By Updated: 27 Jul, 2016 02:14 PM
पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा दीनानगर, गुरदासपुर में एयरफोर्स के बेस कैंप में किए हमले दौरान पंजाब पुलिस के
गुरदासपुर: पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा दीनानगर, गुरदासपुर में एयरफोर्स के बेस कैंप में किए हमले दौरान पंजाब पुलिस के जवानों ने बहादुरी से मुकाबला किया जिसमें कई अधिकारियों और जवानों ने शहादत का जाम पिया।
अधूरा ही रह गया यह सपना
27 जुलाई 2015 को आतंकवादियों के दांत खट्टे करते पुलिस अधिकारी एस.पी.डी. बलजीत सिंह ने भी शहादत प्राप्त की। शहीद बलजीत सिंह का सपना था कि वह अपनी बेटियों के विवाह धूम-धाम से करे लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। बेटी के कन्यादान से पहले ही वह देश के लिए अपना फ़र्ज़ निभाते हुए शहीद हो गए।
आखिरी शब्द...मैं इनको खदेड़ कर ही रहूंगा
बलजीत सिंह के साथ आतंकियों से लड़ रहे एएसआई भुपेंद्र सिंह ने बताया कि आतंकवादियों कि गोलियां लगातार एस.पी. के पास से गुजर रही थीं। उन्होंने बताया कि बलजीत सिंह थाने की छत पर एक टंकी के पीछे छिपे हुए थे और लगातार जवाबी फायरिंग कर रहे थे। ए.एस.आई. भुपेंद्र सिंह ने बताया कि उनसे संभलकर रहने के लिए कहा तो उनका जवाब था- आप मेरी चिंता मत करो और आगे बढ़ कर लड़ो......मैं इनको खदेड़ कर ही रहूंगा।
‘तीजी शहादत हो गई परिवार विच्चों’
राज्य की शांति के लिए बलजीत सिंह ढंडोवाल की पहली शहादत नहीं है। उनसे पहले उनके पिता और चचेरे भाई भी अपने समय में ड्यूटी के दौरान वीरगति प्राप्त कर चुके हैं। एस.पी. बलजीत सिंह की शहीदी की सूचना मिलने पर कपूरथला पहुंचे बुजुर्ग चाचा अमर सिंह वासी ढंडोवाल की आंखें नम थीं लेकिन गर्व भी था कि उनके परिवार का एक और सिपाही राज्य की शांति के लिए शहीद हुआ। नम आंखों से अमर सिंह ने बताया कि बलजीत सिंह बेहद ही धार्मिक ख्यालात वाला तथा सादा जीवन व्यतीत करने में विश्वास रखता था।