विश्व जल दिवस: अगर आज न संभले तो कल पानी की बूंद-बूंद को तरसेंगे हम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Mar, 2018 02:04 PM

world water day 2018

एक तरफ देश लगातार विकास की सीढिय़ां चढ़ रहा है, वहीं मानव जाति की खुद की लापरवाही के कारण पंजाब सहित पूरे देश में जल संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में पानी को बचाने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है।

जलालाबाद(गोयल): एक तरफ देश लगातार विकास की सीढिय़ां चढ़ रहा है, वहीं मानव जाति की खुद की लापरवाही के कारण पंजाब सहित पूरे देश में जल संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में पानी को बचाने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है। 

विश्व जल दिवस का इतिहास
पूरे विश्व के लोगों द्वारा हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा के द्वारा इस दिन को एक वाॢषक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय किया गया। लोगों के बीच जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाने के लिए इस अभियान की घोषणा की गई थी।

विश्व जल दिवस मनाने के पीछे कारण
यह अभियान यू.एन. अनुशंसा को लागू करने के साथ ही वैश्विक जल संरक्षण के वास्तविक क्रिया-कलापों को प्रोत्साहन देने के लिए सदस्य राष्ट्र सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाया जाता है। इस अभियान को प्रतिवर्ष यू.एन. एजैंसी की एक इकाई के द्वारा विशेष तौर से बढ़ावा दिया जाता है जिसमें लोगों को जल मुद्दों के बारे में सुनने व समझाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही विश्व जल दिवस के लिए अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों का समायोजन शामिल है।   

80 प्रतिशत पानी खेतों को 
पांचों दरियाओं की धरती का भूमिगत पानी का स्तर नीचे गिरता दिखाई पड़ रहा है। पंजाब में 80 प्रतिशत पानी खेतों में इस्तेमाल किया जा रहा है तथा 20 प्रतिशत पानी घरेलू व औद्योगिक कार्यों में इस्तेमाल हो रहा है। पानी की सबसे अधिक खपत धान की फसल को तैयार करने में होती है। 

पंजाब में बेहताशा मोटरें 
पंजाब में 13 लाख 80 हजार मोटरों द्वारा धरती के नीचे का पानी खींचा जा रहा है, जबकि विश्व के सबसे बड़े देश चीन में सिंचाई के लिए सिर्फ 35 लाख मोटरें तथा अमरीका में सिंचाई के लिए  140 लाख मोटरें लगी हैं। जितना पानी धरती से निकाला जा रही है, उतना रिचार्ज नहीं किया जा रहा। परिणामस्वरूप धरती का जल स्तर प्रत्येक वर्ष औसतन 2 से 3 फुट नीचे जा रहा है जिससे आने वाले समय में गंभीर समस्या पैदा हो जाएगी।  

बरसाती पानी को संभालने की जरूरत
सबसे बड़ी बात यह है कि बरसाती पानी को संभालने की तरफ कतई ध्यान नहीं दिया जा रहा। ऐसे में बरसाती पानी जोकि सबसे अधिक स्व‘छ होता है, बेकार चला जाता है। आज हम यह समझने को तैयार नहीं हैं कि पीने लिए के साफ पानी लगातार खत्म हो रहा है। अगर हम पानी को बचाना चाहते हैं तो अभी से ही हमें गंभीर होना होगा। सीवरेज व ड्रेनेज के पानी की रिसाइक्लिंग की जानी चाहिए। गांवों, शहरों, अस्पतालों व फैक्टरियों के सारे गंदे व प्रदूषित पानी की निकासी भूमिगत नहीं डालनी चाहिए ताकि भूमिगत पानी को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।  

 ऐसे बचाएं पानी
-सुबह पेस्ट व शेव करते समय पानी मग में लिया जाए न कि टूटी खुली छोड़ दी जाए।
- नहाते समय पानी बाल्टी में लेकर नहाया जाए और गर्मियों में शावर का इस्तेमाल न किया जाए।
-पाइप से घर के आंगन को न धोया जाए।
- अगर किसी वाहन को धोना है तो सीधे पाइप की अपेक्षा बाल्टी में पानी डालकर कार अथवा अन्य वाहन की साफ-सफाई करें।
-आर.ओ. का वेस्ट पानी फैंकने की बजाय उसे पौधों को सींचने अथवा घरेलू कार्य में किया जा सकता है।
-पानी की टंकी ओवरफ्लो न होने दी जाए। इससे पानी की बचत के साथ-साथ बिजली भी बचेगी।
-घर में कोई भी टूटी लीकेज नहीं होनी चाहिए।
-बारिश के पानी को घर में स्टोर करने की सुविधा होनी चाहिए ताकि उसका दोबारा इस्तेमाल किया जा सके। 

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