Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Mar, 2018 09:51 AM
गत लंबे समय से शहर के सरकारी अस्पताल में ब्लड बैंक न होने के बावजूद एक ब्लड स्टोरेज यूनिट के सहारे आम लोगों को एमरजैंसी सेवाएं दी जा रही थी लेकिन भविष्य में सिविल अस्पताल में एस.एम.ओ की अनदेखी तथा स्टाफ की कमी के कारण स्थापित ब्लड़ स्टोरेज यूनिट बंद...
जलालाबाद (हरीश सेतिया) : गत लंबे समय से शहर के सरकारी अस्पताल में ब्लड बैंक न होने के बावजूद एक ब्लड स्टोरेज यूनिट के सहारे आम लोगों को एमरजैंसी सेवाएं दी जा रही थी लेकिन भविष्य में सिविल अस्पताल में एस.एम.ओ की अनदेखी तथा स्टाफ की कमी के कारण स्थापित ब्लड़ स्टोरेज यूनिट बंद होने की कागार पर पहुंच गया है। जिसकी अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मौजूदा एस.एम.ओ द्वाररा अभी तक ब्लड स्टोरेज की मियाद बढ़ाने के लिए लिखित में पत्र नहीं भेजा गया है। जबकि दूसरी तरफ एस.एम.ओ द्वारा स्टाफ न होने के कारण का हवाला दिया गया है।
जानकारी अनुसार सिविल अस्पताल में चल रहा ब्लड स्टोरेज यूनिट से रोजारा निजी अस्पतालों तथा ओर एमरजैंसी मरीजों के लिए करीब 5 से 10 यूनिट ब्लड भेजा जाता है लेकिन यदि यह स्टोरेज बंद होता है तो फिर एमरजैंसी केसों या फिर अन्य ओर जरूरतमंद मरीजों को ब्लड जलालाबाद से 50 से 60 किलोमीटर बाहर लेने के लिए जाना पड़ेगा तथा करीब 1.5 से 2 घंटे की इतनी दूरी दौरान मरीज की जान भी जा सकती है।
इसके अलावा बाहर से ब्लड लेने की प्रक्रिया दौरान जितने जरूरी यूनिट की जरूरत पड़ेगी उस मुताबिक मरीज के परिवारिक सदस्यों को अपना दूसरा ग्रुप का ब्लड देना पड़ेगा। इस संबंधी डा. अमरजीत सिंह टक्कर से बातचीत की गई तो उन्होने बताया कि गत रात्रि एक महिला की डिलीवरी दौरान ब्लड की जरूरत पड़ी थी लेकिन जब सिविल अस्पताल में ब्लड में संपर्क किया गया तो आगे यह कहा गया कि ब्लड खत्म है तथा ब्लड स्टोरेज बंद हो चुका है। इसी तरह कुमार अस्पताल के संचालक डा. अजय कुमार ने बताया कि एमरजैंसी केसों दौरान ब्लड लेने के लिए पहला ही काफी मुश्किल से गुजरना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि सरकारी ब्लड बैंक बठिंडा में है जो 90 किलोमीटर की दूरी है तथा यहां ब्लड लेने जाते समय किसी भी मरीज का जानी नुकसान हो सकता है तथा यदि फाजिल्का या मुक्तसर से ब्लड लाने हो तो उसके बदल बराबर यूनिट जमा करवाने पड़ते है लेकिन सिविल प्रशासन को चाहिए कि जलालाबाद में ब्लड स्टोरेज यूनिट को चालू रखा जाए। इस संबंधी जब एस.एम.ओ डा. अमिता चौधरी से बातचीत की गई तो पहले उन्होंने छुट्टी पर होने का हवाला दिया तथा बाद में जब ब्लड स्टोरेज बैंक के बंद होने संबंधी पूछा गया तो उन्होने कहा कि स्टाफ की कमी के कारण ऐसा हो रहा है तथा जब उन्होंने आगामी फीस भरने की प्रक्रिया संबंधी पूछा तो वह कोई भी स्पष्ट जवाब दे सके तथा घूमाकर कहा कि वह लिखित में मियाद बढ़ाने के लिए पत्र लिखेंगे।
इस संबंधी जब सिविल सर्जन सुरिंदर कुमार से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में है तथा जल्द ही ब्लड स्टोरेज यूनिट को चलाने के लिए उच्चाधिकारियों से बातचीत की जाएगी। इस संबंधी जब एस.डी.एम पिरथी सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि ब्लड स्टोरेज यूनिट में यदि प्राथमिक प्रक्रिया में खामिया रही है तथा उसके पर एक्शन लिया जाएगा व जांच की जाएगी।