Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jan, 2018 02:16 PM
एक तरफ आज पूरे पंजाब के अधिकांश सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का भारी टोटा है, वहीं जिले के सरहदी गांव दोना नानका का सरकारी प्राइमरी स्कूल प्राइवेट स्कूलों को पछाड़ता दिखाई दे रहा है। इस राजकीय प्राइमरी स्कूल में प्राइवेट स्कूलों की भांति...
जलालाबाद(गोयल): एक तरफ आज पूरे पंजाब के अधिकांश सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का भारी टोटा है, वहीं जिले के सरहदी गांव दोना नानका का सरकारी प्राइमरी स्कूल प्राइवेट स्कूलों को पछाड़ता दिखाई दे रहा है। इस राजकीय प्राइमरी स्कूल में प्राइवेट स्कूलों की भांति स्मार्ट क्लासें तथा विभिन्न प्रकार की आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं।
10 वर्षों से स्मार्ट क्लासें जारीं
जानकारी अनुसार भारत-पाक सीमा के समीप के अंतिम गांव दोना नानका का प्राइमरी राजकीय स्कूल एक ऐसा सरकारी स्कूल है जहां पर पिछले 10 वर्षों से नर्सरी क्लासें स्मार्ट क्लास के साथ लगती हैं जबकि पंजाब सरकार ने यह प्रथा अभी शुरू करने का ऐलान किया है। स्कूल की इमारत व दीवारों पर भी प्राइवेट स्कूल की भांति साज-सज्जा की गई है। स्कूल व स्कूल की क्लासें चित्रकलाओं द्वारा किसी न किसी अ‘छे संदेश से अंकित हैं और सभी क्लासों में कूलर की व्यवस्था है।
गांव वासी बागो-बाग
इस दौरान गांव वासी बलविन्द्र सिंह ने खुशी प्रकट करते कहा कि इस स्कूल के ब‘चों को बहुत हाई लैवल की शिक्षा मिलती है जोकि प्राइवेट स्कूलों में भी नहीं मिल पाती। सुनीता रानी व ऊषा रानी ने कहा कि स्टाफ ने सरकारी स्कूल में प्राइवेट स्कूलों की भांति सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं।
रेत के टीले के रूप में मिला स्कूल
स्कूल की काया पलटने वाले मुख्याध्यापक लवजीत सिंह ने बताया कि जून 2006 को उसने स्कूल को ’वाइन किया था तब उसे इस स्कूल की इमारत दरिया की रेत सहित विरासत में मिली थी लेकिन श्रद्धाभाव से स्कूल का पैसा व स्वयं योगदान डाल कर स्कूल को शानदार मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो अब प्राइमरी स्कूलों में नर्सरी विंग शुरू किया है, वह 10 वर्षों से इस स्कूल में चलाया जा रहा है।
1900 तक सुना देते हैं पहाड़ा
इसके अतिरिक्त स्कूल के विद्यार्थियों का प्रदर्शन भी काबिल-ए-तारीफ रहा है। स्कूल के ब‘चे 2 से लेकर 1900 तक के पहाड़े मौखिक रूप से सुनाते हैं जोकि रा’य भर में कोई भी सरकारी व गैर-सरकारी बढिय़ा से बढिय़ा स्कूलों के ब‘चे भी सुना नहीं सकते। इसके अतिरिक्त स्कूल की एक छात्रा पंजाब में टापर रही है। पढ़ो पंजाब में भी स्कूल जिला स्तर पर टॉप पर रहा है।