Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 03:20 PM
लोकतांत्रिक राज में लोगों को सेहत और शिक्षा प्रदान करना किसी भी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है परंतु पंजाब के शिक्षा विभाग का यदि साल 2017 का लेखा-जोखा देखें तो निराशा ही नजर आती है।
फिरोजपुर(परमजीत सोढी): लोकतांत्रिक राज में लोगों को सेहत और शिक्षा प्रदान करना किसी भी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है परंतु पंजाब के शिक्षा विभाग का यदि साल 2017 का लेखा-जोखा देखें तो निराशा ही नजर आती है। मौजूदा सरकार सरकारी स्कूलों में प्रदान की जाती लोक भलाई सहूलियतों को खत्म करने या बजट में कट लगाती नजर आई, 6वीं से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को हर साल सर्दी के मौसम की वर्दी के लिए 400 रुपए की ग्रांट प्रति विद्यार्थी दी जाती थी, परंतु आज कड़ाके की सर्दी के मौसम में भी वर्दियों के लिए ग्रांट स्कूलों में नहीं पहुंची है, जबकि शैक्षिक सैशन भी खत्म होने की कगार पर है।
कई सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी सर्दी के मौसम में बिना वर्दी के स्कूल पहुंचने के लिए मजबूर हैं। यहां यह बताने योग्य है कि पंजाब सरकार की मिड-डे मील योजना भी वैंटीलेटर पर चल रही है। अध्यापक अपनी जेब खर्च करके या दुकानदारों से उधार लेकर बच्चों को दोपहर का खाना देने के लिए मजबूर हैं। वहीं कई स्कूलों ने इस स्कीम को बंद करने का फैसला किया है।